
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि राज्य सरकार युवाओं की नौकरियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार की 5 बोनस अंक नीति को असंवैधानिक करार देने के बाद की गई है।
सरकार का युवाओं के प्रति दृढ़ संकल्प:
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, "हमारी सरकार पूरी तरह से युवाओं के साथ खड़ी है। हमारी सामाजिक और आर्थिक नीति अंत्योदय पर आधारित है, जिसका मतलब है कि हम समाज के सबसे कमजोर वर्ग की मदद करना चाहते हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार गरीबों की लड़ाई लड़ रही है और इस नीति से जिन गरीब परिवारों को लाभ मिला है, उनके साथ वे दृढ़ता से खड़े हैं।
कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप:
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे पर गंदी राजनीति कर रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के शासनकाल में नौकरियां भाई-भतीजावाद और क्षेत्रवाद के आधार पर दी जाती थीं। हमारी सरकार ने एक लाख 32 हजार युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं।" सैनी ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर भी निशाना साधा, उन पर अधूरी जानकारी के साथ भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
CET परीक्षा और नौकरियों की स्थिति:
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) परीक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, "CET का पेपर तीन साल के लिए वैध होता है। ग्रुप डी में 11 हजार युवा पहले ही नौकरी में आ चुके हैं, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।" हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि 2,657 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनका रिजल्ट अभी रोका गया था।
भविष्य की रणनीति और विधानसभा में नया बिल:
सरकार की भविष्य की रणनीति के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि वे विधानसभा में एक नया बिल लाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम विधानसभा में रिव्यू पिटीशन या बिल लाकर इस नीति को कायम रखने का प्रयास करेंगे।" इस कदम का उद्देश्य युवाओं की नौकरियों को सुरक्षित रखना और गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार ने नौकरियों में पारदर्शिता लाई है। उन्होंने कहा, "पहले युवा नौकरी के लिए सिफारिशें ढूंढते थे, आज वे लाइब्रेरी ढूंढते हैं। यह हमारी सरकार और पिछली सरकार में बड़ा अंतर है।"
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हरियाणा सरकार युवाओं और गरीब परिवारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नीति को किस प्रकार आगे बढ़ाती है और विधानसभा में लाए जाने वाले नए बिल में क्या प्रावधान होंगे।
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