loader
The Haryana Story | विज के तीखे तीर: राहुल से माफी की मांग से लेकर हुड्डा पर कटाक्ष तक

विज के तीखे तीर: राहुल से माफी की मांग से लेकर हुड्डा पर कटाक्ष तक

हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने हाथरस त्रासदी पर चिंता जताई, राहुल गांधी को सदन में माफी मांगने की सलाह दी, और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर किया करारा प्रहार। साथ ही, कांग्रेस के टिकट वितरण पर कसा तंज और अपने विवादास्पद ट्वीट पर दी सफाई।

प्रतीकात्मक तस्वीर

हाथरस त्रासदी पर विज की प्रतिक्रिया 

अनिल विज ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह हृदयविदारक घटना है जिसमें लगभग 121 लोगों की मृत्यु हुई है।" विज ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, "हिंदुस्तान में तो रोज कार्यक्रम होते रहते हैं, इसलिए भीड़ प्रबंधन के लिए एक ठोस नीति बनानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।"

राहुल गांधी को विज की नसीहत

राहुल गांधी के हिंदुत्व पर दिए गए बयान को लेकर विज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल देश को तोड़ना और विभाजित करना चाहते हैं। विज ने कहा, "जो कुछ भी उन्होंने कहा है, उसके लिए उन्हें नतमस्तक होकर सदन में माफी मांगनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि राहुल को धर्मों के बारे में पर्याप्त ज्ञान नहीं है और उन्हें इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।

हुड्डा पर विज का पलटवार

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भाजपा पर किए गए आरोपों का जवाब देते हुए विज ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "हुड्डा जी को तो अच्छी कड़वी गोली देंगे, जिससे वे उछल-उछल के भागेंगे।" विज ने दावा किया कि उनकी सरकार जनता की जरूरतों को पूरा करने वाली है, जबकि लाठी और गोलियां चलाने का काम पूर्व सरकार ने किया था। 

कांग्रेस के टिकट वितरण पर तंज और सोशल मीडिया पोस्ट की सफाई 

हरियाणा कांग्रेस के टिकट वितरण प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हुए विज ने कहा, "जिस शो को कोई देखने नहीं आता, उसके लिए गली-गली ढिंढोरा पीटा जाता है कि टिकट ले लो, टिकट ले लो।" उन्होंने अपने एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में भी सफाई दी, कहते हुए कि यह एक साधारण री-पोस्ट था जिसमें अच्छी भाषा का प्रयोग किया गया था।

इस प्रकार, अनिल विज ने एक ही दिन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार रखे, जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर की राजनीति से लेकर सामाजिक मुद्दे शामिल थे। उनके बयानों ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना दिया है।

Join The Conversation Opens in a new tab
×