
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। यह संहिता चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सत्ताधारी दल अपने पद का दुरुपयोग न करें और सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मिले।
आचार संहिता 16 अगस्त से लागू हो गई है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक जारी रहेगी। इस दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को कई नियमों का पालन करना होगा। साथ ही, सरकारी मशीनरी पर भी कई प्रतिबंध लग जाते हैं।
क्या रुकेगा, क्या चलेगा?
आचार संहिता के लागू होने के साथ कई सरकारी गतिविधियां प्रभावित होती हैं।
कुछ प्रमुख प्रतिबंध इस प्रकार हैं:
1. नई योजनाओं की घोषणा या शुरुआत पर रोक
2. सरकारी खर्च पर विज्ञापन और प्रचार पर प्रतिबंध 3. मंत्रियों और अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक
4. सरकारी संसाधनों का चुनावी उद्देश्यों के लिए उपयोग पर प्रतिबंध
हालांकि, कुछ आवश्यक सेवाएं और कार्य जारी रहेंगे:
1. ड्राइविंग लाइसेंस, आवासीय और जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों का निर्माण
2. पहले से चल रहे विकास कार्य
3. आवश्यक सरकारी सेवाएं और कार्यालयीन कामकाज सरकारी भर्तियों और विकास कार्यों का भविष्य
हरियाणा सरकार ने 50,000 से अधिक सरकारी पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। इनमें से 34,000 पदों पर भर्ती पूरी हो चुकी है। शेष पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री या मंत्रियों द्वारा नहीं दिए जा सकेंगे। नई भर्तियां निकालने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति आवश्यक होगी।
विकास कार्यों के संबंध में, पहले से चल रहे प्रोजेक्ट्स जारी रहेंगे। हालांकि, नए प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास या घोषणा नहीं की जा सकेगी। सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति जैसे कार्यों के लिए नए वादे नहीं किए जा सकेंगे। राजनीतिक गतिविधियों पर प्रभाव
आचार संहिता के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की गतिविधियों पर भी कई प्रतिबंध लगते हैं:
1. सरकारी खर्च पर चुनावी रैलियां या यात्राएं नहीं की जा सकतीं
2. मंत्री सरकारी वाहनों का उपयोग केवल कार्यालय जाने के लिए कर सकते हैं
3. आधिकारिक दौरों के दौरान चुनाव प्रचार पर रोक
4. सरकारी संसाधनों का चुनावी उद्देश्यों के लिए उपयोग प्रतिबंधित
निष्कर्ष आदर्श आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। हालांकि यह कुछ सरकारी गतिविधियों को प्रभावित करती है, लेकिन आवश्यक सेवाओं और विकास कार्यों को जारी रखने की अनुमति देती है। हरियाणा के मतदाताओं और राजनीतिक दलों को इन नियमों का पालन करते हुए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हों।
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