loader
The Haryana Story | "हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती''...शायराना अंदाज़ में राघव चड्ढा का तंज

"हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती''...शायराना अंदाज़ में राघव चड्ढा का तंज

इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने कांग्रेस के खिलाफ जुबानी हमले और निशाने साधने शुरू किए

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा चुनाव में भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रही, जबकि एग्जिट पोल से उत्साहित कांग्रेस के हाथ तीसरी बार भी हार लगी। इस बीच इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों ने कांग्रेस के खिलाफ जुबानी हमले और निशाने साधने शुरू कर दिए हैं।

हरियाणा चुनाव में भले ही आम आदमी पार्टी का खाता नहीं खुला हो, लेकिन वो भी कांग्रेस पर तंज कसने में पीछे नहीं है। पहले पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर इशारों-इशारों में कांग्रेस पर तंज कसा था, उन्होंने कहा था कि इस चुनाव से सबसे बड़ी सीख ये है कि किसी को अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। 

शायरी का इशारा कांग्रेस की तरफ

अब राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर शायराना अंदाज में तंज कसा। राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती, आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती.''

https://twitter.com/raghav_chadha/status/1843658899729330213

राघव की इस पोस्ट को कांग्रेस की हार और गठबंधन पर सहमति न बनाने को लेकर देखा जा रहा है। इस शायरी का इशारा इसी तरफ है कि जब कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने से इनकार किया। नतीजे यह दर्शाते हैं कि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर अपनी स्थिति मजबूत की है, जबकि कांग्रेस को 37 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जो पिछले चुनाव की तुलना में सिर्फ छह अधिक हैं। 

हरियाणा में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं?

राजनीतिक अनुमानों और एग्जिट पोल के नतीजों को धता बताते हुए भाजपा ने हरियाणा के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 48 सीट पर जीत दर्ज की। वहीं, कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत मिली।आईएनएलडी को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में सफल रहे। वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हरियाणा में साथ मिलकर चुनाव लड़ा. लेकिन विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे समेत कई अन्य मुद्दों पर गठबंधन को लेकर बात नहीं बनी थी और दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। 

Join The Conversation Opens in a new tab
×