
कैथल की पुंडरी विधान सभा से भाजपा विधायक सतपाल जांबा एक बार फिर सुर्खियों में आए हैं। जिला परिषद की बैठक में पुंडरी से विधायक सतपाल जांबा निर्धारित समय पर बैठक में पहुंच गए, लेकिन पार्षद और चेयरमैन निर्धारित समय के बाद आए। विधायक ने वहां जाकर देखा तो उनके नाम की कोई कुर्सी या नेम प्लेट नहीं लगाई गई थी। इस पर विधायक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया तथा अधिकारियों से पूछा कि व्यवस्था की जिम्मेवारी किसकी है। वे इस पर कड़ा संज्ञान लेंगे। उन्होंने कहा कि यहां पर सांसद की कुर्सी या नेम प्लेट भी नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों में भगदड़ मच गई तथा आनन फानन में कुर्सी का प्रबंध किया गया।
कुर्सी के लिए 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा
बता दें कि जिला परिषद भवन में शुक्रवार को हुई परिषद की बैठक में पुंडरी के विधायक सतपाल जांबा को कुर्सी के लिए 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। कुर्सी न मिलने पर विधायक अधिकारियों पर भड़कते नजर आए। वहीं नवनिर्वाचित चेयरमैन कर्मबीर कौल की अध्यक्षता में यह पहली ही बैठक थी। जिला परिषद की बैठक में पुंडरी से विधायक सतपाल जांबा निर्धारित समय पर बैठक में पहुंच गए थे, लेकिन पार्षद और चेयरमैन निर्धारित समय के बाद आए।
हमारी सीट नहीं लगानी थी तो हमें मीटिंग के लिए लेटर क्यों भेजा?
विधायक ने जाकर देखा, तो उनके नाम की कोई कुर्सी या नेम प्लेट नहीं लगाई गई थी। इसके बाद वह नाराज हो गए और भड़क गए। सतपाल जांबा ने कहा कि बैठक की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों की थी, वह उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां पर सांसद की कुर्सी या नेम प्लेट भी नहीं है।
इसके साथ उन्होंने चेयरमैन कर्मबीर कौल से कहा कि जब हमारी सीट नहीं लगानी थी तो हमें मीटिंग के लिए लेटर क्यों भेजा? इसके बाद नगर परिषद के अधिकारियों ने तुरंत विधायक के लिए नेम प्लेट के साथ कुर्सी लगवाई और चेयरपर्सन के कहने पर बैठ गए। इस अवसर पर पुंडरी विधायक सतपाल जांबा, जिला परिषद सीईओ सुशील कुमार, डिप्टी सीईओ रीतू लाठर सहित सभी पार्षद मौजूद रहे।
मौजूद नहीं होने पर उनकी नेम प्लेट और कुर्सी हटा दी गई थी
वहीं इस संबंध में जिला परिषद के चेयरमैन कर्मबीर कौल ने कहा कि हमने सभी विधायकों और सांसद की नेम प्लेट बनवाई हुई थी, लेकिन मौजूद नहीं होने पर उनकी नेम प्लेट और कुर्सी हटा दी गई, ताकि स्पेस बन सके। जिला परिषद की बैठक में विकास कार्यों पर चर्चा की गई। इस बैठक में विधायक सतपाल जांबा के अलावा जिला परिषद सीईओ सुशील कुमार, डिप्टी सीईओ रीतू लाठर सहित सभी पार्षद मौजूद रहे।
इन विवादित बयानों से चर्चा में आये सतपाल जांबा
गौरतलब है कि हाल ही में सतपाल जांबा की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें उन्होंने एक कार्यक्रम में महिला सरपंच की अनुपस्थिति पर सरपंच पति से पूछा था कि सरपंच कहां है ? उनको बुलाओ, ताकि हमें भी फीलिंग आ जाए कि कोई हमें भी सुनने आया है। वहीं उन्होंने विधानसभा सत्र में बोलते हुए सोशल मीडिया पत्रकारों को ब्लैकमेलर बताया।
अपने संबोधन में सतपाल जांबा ने बताया कि सोशल मीडिया के पत्रकार छोटी-छोटी बातों पर पैसे मांगते हैं, यदि पैसे ना दे तो वह गलत खबर लगा देते हैं। सतपाल जांबा ने कहा कि उनके इलेक्शन में 200 के करीब ऐसे सोशल मीडिया पत्रकार उनसे पैसे मांगने आए थे। इनकी कोई क्वालिफिकेशन नहीं होती, ना इनका कोई क्राइटेरिया होता। अब नया साल आने वाला है इसलिए वह फिर पैसे मांगने आ जाएंगे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन किया कि उनके लिए भी कोई क्राइटेरिया बनाया जाए।
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