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The Haryana Story | कचरा प्रबंधन पर सैलजा का बयान : भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है कचरा प्रबंधन योजना, हुए करोड़ों रुपये के घोटाले

कचरा प्रबंधन पर सैलजा का बयान : भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है कचरा प्रबंधन योजना, हुए करोड़ों रुपये के घोटाले

हरियाणा में कचरा प्रबंधन सही ढंग से न होने पर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा

प्रतीकात्मक तस्वीर

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि कचरा प्रबंधन वैसे तो देश के सभी राज्यों के लिए मुसीबत साबित होता जा रहा है पर हरियाणा में कचरा प्रबंधन सही ढंग से न होने पर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। नाले और नालियां कूड़े की वजह से जाम हो जाती हैं। मक्खी-मच्छर पैदा होने से लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। प्रदेश में कचरा प्रबंधन के नाम पर एक से एक बड़ा घोटाला हुआ पर कार्रवाई किसी पर नहीं हुई, कहा जा सकता है कि कचरा प्रबंधन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। सरकार को जनहित में इस दिशा में सख्त कदम उठाना चाहिए।

कचरे से बीमारियां बढ़ने का खतरा  

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी कर कहा है कि कचरा फेंकने के लिए जो स्थान स्थानीय प्रशासन द्वारा तय किया गया है, वहीं पर कूड़ा-कचरा फेंका जाए। यदि कोई व्यक्ति या संस्थान चिन्हित जगहों के अलावा कहीं कूड़ा फेंकता पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इधर-उधर कूड़ा-कचरा फेंकते हुए पकड़े जाने पर पचास हजार रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है।

पर देखने में आता है कि लोग अपने घर या संस्थान का कूड़ा-कचरा दिन में या रात के अंधेरे में चुपके से नालियों, नालों या सड़कों के आसपास फेंक देते हैं। इससे लोगों को आने जाने परेशानी का सामना करना पड़ता है। नाले और नालियां कूड़े की वजह से जाम हो जाती हैं। ऐसे में सड़को पर पानी जमा होने लगता है। सड़कों पर पानी  जमा होने से लोगों को असुविधा होती है, मक्खी-मच्छर पैदा होने से लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

कचरा निस्तारण प्लांट का मुद्दा सदा विधानसभा में गूंजता रहा

उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादा मुसीबत प्लास्टिक कचरा बनता है। कहने को तो सरकार दावा करती है कि प्रदेश में लगभग 78 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और फरीदाबाद में कचरा निस्तारण प्लांट का मुद्दा सदा विधानसभा में गूंजता रहा है। गुरुग्राम और सिरसा में  कचरे का पहाड़ लगातार बड़ा हो रहा है, गुरुग्राम के पास फरीदाबाद जिले का कचरा भी डंप किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी करनाल, पंचकूला, अंबाला और मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में कचरे के ढेर बताते है कि वहां पर कितना विकास हुआ है। सबसे बड़ी बात ये है कि कचरा प्रबंधन के नाम पर बड़े-बड़े घोटाले हुए पर आज तक किसी भी दोषी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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