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The Haryana Story | हर बार..भाजपा सरकार.. झूठा वादा करके किसानों के संघर्ष को दबाने का कर रही प्रयास

हर बार..भाजपा सरकार.. झूठा वादा करके किसानों के संघर्ष को दबाने का कर रही प्रयास

शांतिपूर्ण आंदोलन किसानों का अधिकार, सरकार अपना वादा पूरा करते हुए किसानों को एमएसपी की गारंटी दे, किसान पैदल दिल्ली कूच करना चाहते हैं तो सरकार उन्हें क्यों रोक रही ?

प्रतीकात्मक तस्वीर

हर बार भाजपा की सरकार किसानों से झूठा वादा करके किसानों के संघर्ष को दबाने का प्रयास कर रही है। एमएसपी पर फसलों की खरीद का कानून बनाने की मांग पर देश का अन्नदाता लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। यदि भाजपा सरकार किसानों के आंदोलन को समाप्त करवाना चाहती है तो तुरंत किसानों से बात करके एमएसपी गारंटी का कानून लागू कर दे। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने आज जारी एक बयान में कही।

समय पर न डीएपी खाद मिलती और न ही यूरिया

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान लंबे समय से एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। खनौरी बॉर्डर पर किसान कई माह से धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन भाजपा की सरकार किसानों से कोई बात नहीं कर रही है। किसानों को न तो समय पर डीएपी खाद मिलती है और न ही यूरिया। किसान व खेती को खत्म करने के लिए सरकार ने पहले भी तीन काले कानून बनाए थे। किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लिए थे। 

सरकार या प्रशासन का कोई नुमाइंदा

किसान नेता से मिलने नहीं गयाअब किसानों ने 6 दिसंबर को पैदल ही दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है तो सरकार हरकत में आ गई है। उन्होंने कहा कि सरकार अब भी किसानों से बात करने की बजाय किसानों को दिल्ली जाने से रोकने का प्रयास कर रही है। सरकार का प्रयास है कि किसान किसी तरह से दिल्ली न जाए। सरकार किसानों के आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 8 दिन से भूख हड़ताल पर है। उनका स्वास्थ्य गिर रहा है, लेकिन अभी तक सरकार या प्रशासन का कोई नुमाइंदा किसान नेता से मिलने नहीं गया है। 

शांतिपूर्ण आंदोलन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार 

सांसद सैलजा ने कहा कि सरकार को तुरंत किसानों से बात करनी चाहिए। भूख हड़ताल पर चल रहे डल्लेवाल की भूख हड़ताल खत्म करवाए और किसानों की मांगों को पूरा करे। उन्होंने कहा कि यदि किसान केंद्र सरकार के पास अपनी मांग लेकर जाना चाहते हैं तो उन्हें रोकना अनुचित है क्योंकि शांतिपूर्ण आंदोलन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है। किसानों के इस लोकतांत्रिक अधिकार पर कुठाराघात करना निंदनीय है। सरकार को तुरंत प्रभाव से किसान नेताओं से बातचीत करनी चाहिए और इनकी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में सबको अधिकार है और सबकी बात सुननी चाहिए।

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