
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पंचकूला के दौरे पर हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री मंगलवार को पिंजौर पहुंचे और उन्होंने जटायु कंजर्वेशन बिल्डिंग केंद्र पिंजौर का दौरा किया। साथ ही इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गिद्धों को जंगल में छोड़ा। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने जटायु को लेकर भी बड़ा बयान दिया। सीएम ने कहा ये जाति विलुप्त हो रही थी।
प्रकृति का संरक्षण व संवर्धन हर मनुष्य का कर्तव्य है। आज जंगलों की कटाई के कारण पशु व पक्षियों के आश्रय की कमी होती जा रही है। ऐसे में हर नागरिक को अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने का संकल्प लेना चाहिए और प्राकृतिक संरक्षण में सहयोग करना चाहिए। इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह, कालका की विधायिका शक्ति रानी शर्मा भी मौजूद रहे।
यह प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति में गगन, जल व थल पर निवास करने वाले हर जीव का अपना महत्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक विलुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण के लिए पहल की है। इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार ने भी विलुप्त हो रही गिद्धों की प्रजातियों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया है। इसके लिए पिंजौर में जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र की स्थापना की गई थी। आज इस केंद्र में गिद्धों की संख्या 378 है।
केंद्र में 25 गिद्ध खुले आसमान तले छोड़े
मुख्यमंत्री ने पंचकूला के पिंजौर स्थित बीड शिकारगाह वन्य जीव अभ्यारण्य के पास जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र में 25 गिद्ध खुले आसमान तले छोड़े। नायब सिंह सैनी ने कहा कि 1990 के दशक में गिद्दों की संख्या करोड़ों में थी, जो धीरे-धीरे घटकर लाखों में रह गई। गिद्दों की संख्या घटने का मुख्य कारण दुधारू पशुओं में डाईक्लोफनाक इंजेक्शन का उपयोग रहा है, क्योंकि जब मृत पशु को गिद्द खाता है तो उस दवाई का प्रभाव धीरे-धीरे गिद्दों पर पड़ने लगा और यह प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर आ गई।
गिद्धों की संख्या नेचुरल व कृत्रिम प्रजनन विधि अपनाकर बढ़ाई जाएगी
उन्होंने कहा कि गिद्धों के संरक्षण के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी ने हरियाणा सरकार के साथ समझौता किया और यह मिशन लिया कि हरियाणा के पिंजौर में गिद्धों की संख्या नेचुरल व कृत्रिम प्रजनन विधि अपनाकर बढ़ाई जाएगी और आज यह केंद्र न केवल देश का बल्कि एशिया का सबसे बड़ा केंद्र है।
इस केंद्र में सफेद पीठ वाले गिद्धों की संख्या 97, लंबी चोंच वाले गिद्धों की संख्या 219 तथा पतली चोंच वाले गिद्धों की संख्या 62 है और नवंबर 2024 तक इस केंद्र में पैदा हुए इन प्रजातियों के चूजों की संख्या 404 बताई गई है। आज सफेद पीठ वाले 25 गिद्धों को खुले आकाश में छोड़ा जा रहा है। केंद्र में 8 नर्सरी एवियरी, 6 कॉलोनी एवियरी, 8 होल्डिंग एवियरी, 2 डिस्प्ले एवियरी, 4 अस्पलात एवियरी, 8 प्रजनन एवियरी, 1 ग्रीन एवियरी और 1 रिलिज एवियरी हैं, जहां से आज 25 गिद्धों को छोड़ा गया है।
जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र पर एक लघु फिल्म भी दिखाई
मुख्यमंत्री ने जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र के किशोर रीठे व उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की और उन्हें गौरैया चिड़िया के संरक्षण के लिए भी कार्य करने को कहा। इस के लिए सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोमवार को ही माता मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में पक्षी निवास का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया और विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पिंजौर गिद्ध सुरक्षित क्षेत्र तथा जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
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