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The Haryana Story | झींगा पालन के लिए योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी देने की आवश्यकता : श्याम सिंह राणा

झींगा पालन के लिए योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी देने की आवश्यकता : श्याम सिंह राणा

कृषि मंत्री ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा डीएपी पर एक बार के विशेष पैकेज को मंजूरी देने की सराहना की, कहा, विशेष डीएपी पैकेज और पीएमएफबीवाई का विस्तार हरियाणा के कृषि क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी कदम

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए उठाए गए दूरदर्शी कदमों की सराहना की और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है। राणा ने यहां जारी बयान में प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री की प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (एनबीएस) के अतिरिक्त प्रति मीट्रिक टन ₹3,500 की दर से डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एक बार के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। ₹3,850 करोड़ की वित्तीय लागत के साथ यह पहल वैश्विक बाजार की अस्थिरता और भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच किसानों को किफायती दरों पर डीएपी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करती है, जिससे किसानों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।

वित्तीय बोझ को कम करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहायक

उन्होंने कहा कि इस पैकेज का विस्तार केंद्र सरकार की मेहनतकश किसानों के हितों को सशक्त बनाने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2024 से अब तक डीएपी के लिए विशेष पैकेज ₹6,475 करोड़ से अधिक हो चुका है, जो किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि किफायती दरों पर डीएपी की उपलब्धता आगामी खरीफ और रबी सीजन में किसानों के वित्तीय बोझ को कम करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होगी। 

इन परिवर्तनकारी कदमों भारतीय कृषि में एक नए युग का आगाज होगा

राणा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) को 2025-26 तक बढ़ाने के सरकार के निर्णय की भी सराहना की। इन योजनाओं पर ₹69,515.71 करोड़ का बड़ा खर्च किया गया है, जो अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ फसलों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कवरेज प्रदान करती हैं और किसानों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। 

मंत्री ने नवाचार और प्रौद्योगिकी के लिए बनाए गए फंड (FIAT) की महत्ता पर भी जोर दिया, जिसे ₹824.77 करोड़ के कोष के साथ स्थापित किया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के इन परिवर्तनकारी कदमों भारतीय कृषि में एक नए युग का आगाज होगा। उन्होंने कहा ये निर्णय केंद्र सरकार का किसानों को सशक्त बनाने और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। 

प्रदेश सरकार का मत्स्य पालन पर रहेगा फोकस

हरियाणा के मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि राज्य सरकार का भविष्य में मत्स्य पालन पर भी विशेष फ़ोकस रहेगा। उन्होंने आज मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की बैठक के बाद जानकारी दी कि सरकार का प्रयास है कि विभागीय योजनाओं का लाभ मछली पालकों तक प्रभावी रूप से पहुंचे, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। राणा ने बजट-पूर्व चर्चा के दौरान अधिकारियों को केंद्र और राज्य प्रायोजित योजनाओं को सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए ठोस रणनीतियां बनाने और इनके प्रति जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।

फिश-फीड उत्पादन और झींगा पालन को बढ़ावा

मत्स्य पालन मंत्री ने अधिकारियों को राज्य में फिश-फीड उत्पादन बढ़ाने के लिए नए संयंत्र स्थापित करने के उपाय तलाशने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे अन्य विभागों के साथ मिलकर एक व्यापक योजना तैयार करेंगे। झींगा मछली के पालन को किसानों के लिए लाभप्रद बताते हुए कहा कि अधिकारी किसानों को झींगा पालन के लिए प्रेरित करें ताकि खेती के साथ-साथ यह उनके लिए एक अतिरिक्त आय का स्रोत बन सके।

झींगा पालन के लिए योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी देने की आवश्यकता

उन्होंने किसानों को झींगा पालन के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी देने की आवश्यकता पर बल दिया। श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को विभाग की कार्यक्षमता में सुधार के लिए मछली पालकों के डेटा को डिजिटलीकरण करने की प्रक्रिया को तेज करने के भी निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने विभाग के वार्षिक बजट की तैयारी के लिए योजनाएं तैयार करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में नवाचार और किसान-हित योजनाओं के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इससे हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

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