
नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है। आवेदक की उम्र 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए। एससी, एसटी और पूर्व सैनिकों को 3 साल की छूट मिलेगी। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। चयनित अध्यापकों को रोजाना 2 घंटे काम करने के लिए 9240 रुपए मिलेंगे। एक गांव में एक स्कूल होने पर वहीं पढ़ाना होगा। दो स्कूल होने पर अलग-अलग दिन या समय पर सेवाएं देनी होंगी। योजना की निगरानी के लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनेगी। इसके सदस्य 12वीं पास और समाज सेवा से जुड़े होंगे। यह कमेटी एसएमसी से अलग होगी। एसएमसी के सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें शैक्षणिक मापदंड पूरे करने होंगे।
हरियाणा सरकार ने उठाया बड़ा कदम
नई शिक्षा नीति के तहत हरियाणा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिसके तहत हरियाणा के प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापकों की नियुक्ति की जाने की योजना है। केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि ये अध्यापक बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कृति, गौरव और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देंगे। यह प्रोजेक्ट स्कूल एजुकेशन और साक्षरता मिशन के तहत चलाया जाएगा। इसमें कल्चर मिनिस्ट्री का भी सहयोग रहेगा।
इसके लिए बकायदा सिलेबस भी तैयार किया जा रहा
नरेश सेलपाड़ गत दिवस फतेहाबाद में नई शिक्षा नीति को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति में सामाजिक संस्थाओं एवं आमजन के योगदान पर भी उनसे चर्चा की। नई शिक्षा नीति के कार्यक्रम में बोलते हुए निदेशक नरेश सेलपाड़ ने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाओं के तहत चयनित अध्यापक का कार्य विद्यार्थियों में जहां संस्कार विकसित करना होगा, वहीं वो नैतिक शिक्षा के भी ध्वजवाहक का भी कार्य करेंगे। ये अध्यापक स्कूल एजुकेशन और साक्षरता मिशन भारत सरकार के विशेष प्रोजेक्ट के तहत मिनिस्ट्री आफ कल्चर अफेयर भारत सरकार व देश की एक नामी संस्थान के तत्वावधान में सभी प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए बकायदा सिलेबस भी तैयार किया जा रहा है।
ये होंगी नियुक्ति की शर्तें
नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है। आवेदक की उम्र 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए। एससी, एसटी और पूर्व सैनिकों को 3 साल की छूट मिलेगी। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। चयनित अध्यापकों को रोजाना 2 घंटे काम करने के लिए 9240 रुपए मिलेंगे। एक गांव में एक स्कूल होने पर वहीं पढ़ाना होगा। दो स्कूल होने पर अलग-अलग दिन या समय पर सेवाएं देनी होंगी। योजना की निगरानी के लिए 7 सदस्यीय कमेटी बनेगी। इसके सदस्य 12वीं पास और समाज सेवा से जुड़े होंगे। यह कमेटी एसएमसी से अलग होगी। एसएमसी के सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें शैक्षणिक मापदंड पूरे करने होंगे।
संस्कार अध्यापकों को महज दो घंटे ही अपनी सेवाएं देनी होगी
निदेशक नरेश सेलपाड़ ने बताया कि ये अध्यापक अंशकालिक होंगे, चयनित प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त संस्कार अध्यापकों को महज दो घंटे ही अपनी सेवाएं देनी होगी। जिसके एवज में उन्हें 9240 रुपये के आस-पास वेतनमान दिया जाएगा। यदि एक गांव में एक स्कूल है तो उनकी ड्यूटी उसी स्कूल में होगी। यदि गांव में दो प्राईमरी स्कूल हैं तो अलग-अलग दिनों या एक-एक घंटा दोनों स्कूलों में सेवाएं देनी होगी। किसी बड़े गांव या कस्बे में दो से अधिक प्राइमरी स्कूल होने पर वहां एक से अधिक अध्यापकों की नियुक्तियां हो सकेगी। यदि सब कुछ आशानुरुप रहा तो इसके लिए आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। ये अध्यापक नए सत्र से स्कूलों में शिक्षा देते हुए नजर आएंगे।
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