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The Haryana Story | गुस्साए किसानों की सीएम सैनी को नसीहत- "5 किलो राशन लेकर 1 महीने करें परिवार का गुजारा''

गुस्साए किसानों की सीएम सैनी को नसीहत- "5 किलो राशन लेकर 1 महीने करें परिवार का गुजारा''

किसान बोले जल्द गिरदावरी करवा कर मुआवजा दे सरकार ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों पर किसानों ने चलाया ट्रैक्टर

प्रतीकात्मक तस्वीर

चरखी दादरी जिले में 6 दिन पहले हुई ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कई गांवों में तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। जिसके चलते किसानों ने खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाना शुरू कर दिया है। बाढड़ा कस्बे के गांव लाड में कई किसानों ने फसलों की जुताई कर दी है और अन्य किसान भी जुताई की तैयारी कर रहे हैं। वहीं किसान संगठन व प्रभावित किसान लगातार स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 

जौ की फसल में बाली टूटने व फसल जमीन पर बिछने से नुकसान

बता दें कि 6 दिन पूर्व देर शाम दादरी जिले के कई गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि व अंधड़ आने से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। किसानों द्वारा लगाई गई गेहूं, सरसों, जौ, मूली, मैथी व सब्जी की फसलें पूरी तरह से प्रभावित हुई हैं। सरसों, मूली, मैथी, सब्जी ओले लगने से टूटकर जमीन पर गिर गई हैं। वहीं गेहूं व जौ की फसल में बाली टूटने व फसल जमीन पर बिछने से नुकसान हुआ है।

उनको मजदूरी भी वसूल नहीं होगी

ओलावृष्टि के बाद गांव लाड में किसानों ने खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाना शुरू कर दिया है। गांव के किसानों ने सोमवार व मंगलवार को फसलों पर ट्रैक्टर चलाकर जुताई की है। वहीं बुधवार को भी जुताई करने की बात कही है। किसान विकास, सत्यवान, मुख्तयार सिंह आदि ने कहा कि ओलावृष्टि से फसलें 100 प्रतिशत बर्बाद हो चुकी है।

फसलों की कटाई का समय नजदीक था। जिसके चलते अब किसी प्रकार की रिकवरी भी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि फसलों में कुछ नहीं बचा है, यदि वे प्रभावित फसलों को काटकर एकत्रित करेंगे। तो उनको मजदूरी भी वसूल नहीं होगी। जिसके चलते किसानों ने जुताई करना ही सही समझा है। किसानों ने कहा कि विभाग द्वारा ओलावृष्टि के नुकसान की जो रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

विभाग की टीम ने ओलावृष्टि के अगले दिन जायजा लिया

उसमें कम नुकसान दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की टीम ने ओलावृष्टि के अगले दिन जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि समय बीतने के साथ ओलावृष्टि का नुकसान दिखाई देता है। फसल में पौधे पर जहां ओला लगता है, वह दो से तीन दिन बाद सूखना शुरू हो जाता है। फसलों पर ट्रैक्टर चलाने वाले किसानों की मांग है कि सरकार नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन करने वाली टीम को नुकसान नजर नहीं आ रहा। लेकिन फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं, उसी के चलते वे ट्रैक्टर चलाने को मजबूर हुए हैं।

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