
सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा अकसर किसी न किसी जन मुद्दे पर सरकार को घेरती नजर आती हैं और कभी सरकार से सवाल पूछती हैं कभी नसीहत और सलाह देती हैं। अभी कुमारी सैलजा ने ताज़ा मुद्दा उठाया है हरियाणा की मंडियों की बदहाली और अव्यवस्थाओं का। सैलजा का आरोप है कि भाजपा भले ही किसान हितैषी होने का दावा करे पर किसान हितों की अनदेखी करने में सबसे आगे रहती है।
धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा
उन्होंने कहा कि मंगलवार यानि आज से प्रदेश में गेंहू की खरीद शुरू होनी है, लेकिन अभी तक कोई तैयारी नहीं है, बारदाना और गेंहू उठान के लिए अभी तक टेंडर तक जारी नहीं किए गए है। वहीं मंडियों की मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो न तो पीने के पानी का उचित प्रबंध है और न ही स्ट्रीट लाइटें ठीक की गई है। सरकार अभी तक केवल घोषणाएं करने में लगी हुई है जबकि धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
सरसों खरीद के नाम पर भी किसानों के साथ खेल कर रही सरकार
कुमारी सैलजा ने कहा कि इतना ही नहीं सरकार सरसों खरीद के नाम पर भी किसानों के साथ खेल कर रही है और अपनी अधिकारी मनमानी कर रहे है, अंबाला, करनाल, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल में रविवार को तो सरसों की खरीद तक नहीं हुई और जहां पर खरीद की गई है वहां पर उठान नहीं हो रहा है या उठान बहुत ही धीमा है, दोनों स्थितियों में परेशानी किसानों को ही उठानी पड़ रही है। हिसार अनाजमंडी में 12149 क्विंटल सरसों की खरीद हुई पर उठान मात्र तीन हजार क्विंटल का ही हुआ।
चरखी दादरी और पानीपत में भी स्थिति लचर
इस मंडी में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है, मंडी में पेयजल तक का उचित प्रबंध नहीं है, स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी रहती है। फतेहाबाद की मंडियों में भी ऐसे ही हालात है वहां पर भी अधिकतर सरसों का उठान नहीं हुआ है। सिरसा की मंडी मेंं खरीदी गई सरसों की आधी सरसों का भी उाठान नहीं हुआ है, एक ओर जहां आढ़ती परेशान है उससे कही अधिक परेशानी किसानों को हो रही है। चरखी दादरी और पानीपत में भी स्थिति लचर बनी हुई है, मंडियों में किसानों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थी वह केवल कागजों तक ही सीमित है।
गेहूं, जौ और चने की खरीद एक अप्रैल से
सैलजा ने कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि उसने रबी सीजन 2025-26 के लिए गेंहू, सरसों, जौ, चना, मसूर व सूरजमुखी की खरीद के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। खरीद एजेंसी खाद्य एवं आपूर्ति नागरिक उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा 30 प्रतिशत, हैफेड द्वारा 40 प्रतिशत, हरियाणा राज्य भंडारण निगम द्वारा 20 प्रतिशत तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 10 प्रतिशत की खरीद की जानी है। गेहूं, जौ और चने की खरीद एक अप्रैल से आरंभ होगी, जबकि सूरजमुखी की खरीद एक जून से आरंभ होगी।
अभी तक बारदाना और गेंहू उठान तक के टेंडर नहीं हुए
एक ओर सरकार गेंहू खरीद की पूरी तैयारियों का दावा कर रही है जबकि अभी तक बारदाना और गेंहू उठान तक के टेंडर नहीं हुए है। सरसों खरीद का भुगतान भी देरी से हो रहा है। किसान मंडी में फसल लेकर पहुंच रहा है उसे बुनियादी सुविधाएं तो मिलनी चाहिए, पेयजल का उचित प्रबंध किया जाए, स्ट्रीट लाइट का ध्यान रखा जाए।
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