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The Haryana Story | वरिष्ठ नागरिकों के लिए गुरुग्राम पुलिस की अनूठी पहल, 'समय पर सहायता' (SAATH) लॉन्च

वरिष्ठ नागरिकों के लिए गुरुग्राम पुलिस की अनूठी पहल, 'समय पर सहायता' (SAATH) लॉन्च

पुलिस कमिश्नर गुरुग्राम ने प्रोजेक्टर पर की वेबसाइट की शुरुआत, लॉग इन करने के 24 घंटे बाद से पुलिस के बीट ऑफिसर रहेंगे मदद को मौजूद

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता उपलब्ध करवाने के लिए गुरुग्राम पुलिस ने अनूठी पहल की है। वरिष्ठ नागरिकों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए गुरुग्राम पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता (SAATH) नामक वेवसाइट लांच की है। वेवसाइट लांच करते हुए गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने कहा कि वेवसाइट लांच करने का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता उपलव्ध करवाना है।

बुजुर्गों को सबसे ज्यादा सहायता की आवश्यकता

उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रहे गुरुग्राम में अधिकांश बुजुर्ग अकेले रह रहे है। जबकि परिवार के सदस्य कार्य के चलते शहर से बाहर रह रहे है। ऐसे में बुजुर्गों को सबसे ज्यादा सहायता की आवश्यकता होती है। उन सब की इन्ही परेशानियों को देखते हुए वेवसाइट लांच की गई है। वेवसाइट पर लॉगिन करने के 24 घण्टे के अंदर पुलिस का बीट ऑफिसर मदद के लिए पहुच जाएगा। 

जैसी इमरजेंसी होगी उसके तहत ऑफिसर मदद पहुंचाएगा

इतना ही नही लॉगिन करने पर जैसी इमरजेंसी होगी उसके तहत ऑफिसर मदद पहुंचाएगा। वरिष्ठ नागरिकों को समय पर सहायता उपलव्ध करवाने के लिए गुरुग्राम पुलिस दुवारा शुरू की गई वेवसाइट का वरिष्ठ नागरिकों को कितना लाभ मिल पाता है यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल तो वरिष्ठ नागरिक गुरुग्राम पुलिस की इस पहल का स्वागत कर रहे है। 

डिजिटल अरेस्ट के मामले भी काफी देखने को मिल रहे

गुरुग्राम पुलिस की माने तो साइबर अपराध के सबसे ज्यादा शिकार वरिष्ठ नागरिक ही हो रहे है। साइबर अपराधियो की नजर वरिष्ठ नागरिकों पर ही अधिक रहती है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि वरिष्ठ नागरिकों को मोबाइल फोन्स में एप की पुख्ता जानकारी का न होना। 

जब किसी नागरिक के पास कोई मेसेज आता है जिसमे यह दर्शाया गया होता है कि आप इतना पैसा लगाओ दो दिन में डबल पैसा पाओ तो लोग क्लिक कर देते है। बस इसी से साइबर अपराधियो को फ्राड करने का मौका मिल जाता है। इसके अलावा आजकल डिजिटल अरेस्ट के मामले भी काफी देखने को मिल रहे है। जबकि भारत मे ऐसा कोई कानून नही है। पुलिस किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं करती बल्कि वह केवल फिजिकल अरेस्ट ही करती है।

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