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गर्मी की दस्तक होते ही याद आने लगता है सौंधी खुशबू वाला मिट्टी के मटके का ठंडा पानी...मिट्टी से बना मटके का पानी किसी फ्रिज से कम ठंडा नहीं है और पानी का स्वाद भी कई गुना बढ़ा देता है। मटके का पानी स्वास्थ्य के लिए काफी उत्तम है। गर्मियों में ठंडा पानी पीने के लिए ज्यादातर लोग अपने घरों में मटका रखते हैं। मटके का पानी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, और यह सुकूनदायक भी होता है।
हालांकि, ज्यादातर घरों में फ्रिज होने की वजह से लोग अब मटके का उपयोग कम करते हैं। फ्रिज का पानी पीने से अक्सर तबियत खराब होने की संभावना रहती है, लेकिन मटके के साथ यह समस्या नहीं होती। मटके का तापमान सामान्य तापमान से थोड़ा कम होने की वजह से यह पानी को ठंडा भी रखता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखने में भी मदद भी करता है।
मटके के ठंडे पानी के लिए कुम्हार अपना खून पसीना एक कर देता
मिट्टी के मटके की सतह पर पानी के छोटे-छोटे छिद्रों से रिसकर बाहर आने के बाद, जब यह पानी वाष्पित होता है, तो यह मटके के अंदर के पानी से गर्मी लेता है, जिससे मटके का पानी ठंडा हो जाता है। जब पानी वाष्पित होता है, तो मटके की सतह ठंडी हो जाती है। मटके में ठंडा पानी ऐसे ही नहीं होता, क्योंकि इसके पीछे एक कुम्हार की काफी मेहनत लगी होती है। मटका बनाने में इतनी मेहनत लगती है शायद उसके दाम 'मेहनत' को देखकर बहुत कम नज़र आते हैं। मटके के ठंडे पानी के लिए कुम्हार अपना खून पसीना एक कर देता है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कैसे बनते हैं पानी को ठंडा रखने वाले मिट्टी के मटके...
मिट्टी तैयार करने के लिए कुम्हार को कई दिनों का इंतज़ार करना पड़ता
सबसे पहले कुम्हार मिट्टी खरीद कर लाते हैं, जो मटका बनाने के लायक होती है। जिसके बाद मिट्टी को बारीक करके भिगो दिया जाता है। मटका बनाने लायक मिट्टी तैयार करने के लिए कुम्हार को कई दिनों का इंतज़ार करना पड़ता है। क्योंकि इससे पहले कई बार मिट्टी को आटे की तरह गुंथा जाता है और जब मिट्टी बिलकुल जिकनी हो जाती है उसके बाद चाक (मटका बनाने का गोल चक्कर) पर चढ़ाकर एक मटके का आकार दिया जाता है।
लेकिन चाक से उतरते ही मटका तैयार नहीं होता। उसके बाद उस बर्तन को एक औज़ार से पीट पीटकर मटके की शेप दी जाती है। चिकनी मिट्टी के बर्तन पर बालू रेत लगातार उसकी एक थपकी से पिटाई करना उस ठंडे पानी के पीछे का बहुत बड़ा राज़ होता है। चिकनी मिट्टी के ऊपर जो बालू रेत चिपटाकर उसकी पिटाई की जाती है और फिर पक्का किया जाता है। तब जाकर कहीं ठंडा पानी मिल पाता है।
मेहनत के हिसाब से दाम बिलकुल ही कम
मटका बनाने वाले एक कुम्हार ने कहा बताया कि मटका बनाने में मेहनत तो बहुत लगती है, लेकिन क्या करें परिवार का गुजारा भी चलाना है क्योंकि पुश्तैनी काम है और करना ही पड़ता है। बहुत लोग तो ये काम छोड़ चुके हैं, लेकिन अगर सभी मटके बनाना छोड़ देंगे तो फिर ठंडा पानी लोग कैसे पीएंगे। महावीर ने बताया कि वो एक दिन में 20-25 मटके तैयार करते हैं और मार्केट में इसकी क़ीमत 200 रुपए के करीब है लेकिन मेहनत के हिसाब से दाम बिलकुल ही कम है, लेकिन फिर भी बनाने पड़ते हैं।
यहीं एक बात और गौर करने की है कि गर्मी के मौसम में लगातार बढ़ते तापमान में अक्सर देखा गया है कि घड़े का पानी ठंडा नहीं रह पाता। इसलिए आज जानते हैं ऐसे कुछ ट्रिक्स जिसे आप मटके में पानी रखते वक्त आजमा सकते हैं। इससे घड़े का पानी बिल्कुल फ्रिज की तरह ठंडा रहेगा।
मटके में पानी ठंडा रखने के कुछ तरीके
नियमित रूप से पानी भरें: मटके में नियमित रूप से पानी भरें ताकि पानी ठंडा बना रहे।
ठंडा पानी डालें : मटके में ठंडा पानी डालने से भी मटके का पानी जल्दी ठंडा हो जाता है।
गीली मिट्टी या कपड़ा : मटके के चारों ओर गीली मिट्टी या गीला कपड़ा लपेटें।
छायादार जगह : मटके को सीधी धूप से दूर, छायादार जगह पर रखें।
मटके के मुंह को ढकें : मटके के मुंह को गीले कपड़े या किसी ढक्कन से ढकने से पानी का वाष्पीकरण कम होता है, जिससे पानी ठंडा बना रहता है।
मटके को पानी में भिगोकर रखें : मटके को कुछ समय के लिए पानी में भिगोकर रखने से भी मटके के छिद्रों में पानी भर जाता है, जिससे मटका ठंडा रहता है।
मटके को साफ रखें : मटके को नियमित रूप से साफ करें ताकि पानी में कोई भी अशुद्धता न हो।
इन बातों का भी रखें खास ख्याल
👉 मटके को कभी खुला न छोड़ें मटके को ढक कर रखें। जितनी बार भी आप मटके से पानी निकालकर पिएं उसे ढकना न भूलें, क्योंकि इससे मटके में धूल मिट्टी और गंदगी जा सकती है। साथ ही पानी में कीड़े-मकोड़े भी घुस सकते हैं जिससे पानी दूषित हो सकता है।
👉 पानी निकालने के लिए हैंडल वाले बर्तन का इस्तेमाल करें ज्यादातर लोग गिलास या अन्य बर्तनों की मदद से हाथ डुबोकर मटके से पानी निकालकर पीते हैं ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है। ऐसे करने से हाथ और नाखूनों में जमा गंदगी से पानी गंदा और दूषित हो जाता है, जो कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि जब भी आप मटके से पानी निकालें तो किसी हैंडल वाले साफ बर्तन का इस्तेमाल करें।
👉 मटके में रोज पुराना पानी गिराकर ताज़ा पानी भरें मटके का पानी जैसे-जैसे खत्म होता रहता है तो लोग अक्सर उसके ऊपर ही नया पानी डालकर मटके को भरते रहते हैं, लेकिन आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। मटके की रोजाना सफाई करना महत्वपूर्ण है और हर बार उसे साफ करने के बाद ही उसमें ताजा पानी भरना चाहिए। अगर पानी कई दिनों तक मटके में रहता है तो उसमें हानिकारक बैक्टीरिया पनपते हैं जो पेट संबंधी समस्याओं, इन्फेक्शन और टाइफाइड के साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देते हैं।
👉 मटके के चारों तरफ कपड़ा लपेटते हैं तो इसे रोज धोएं गर्मियों में पानी को ज्यादा तेजी से ठंडा करने के लिए लोग मटके चारों तरफ से कपड़े से कवर कर देते हैं। साथ ही उसे खिड़की के पास किसी टेबल पर रख देते हैं। इस कपड़े की रोजाना सफाई करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस पर गंदगी सबसे ज्यादा जमा होती है। जो फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप कपड़े को रोजाना साफ करें या दूसरे कपड़े से मटके को कवर करें।
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