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The Haryana Story | रेवाड़ी बाईपास : यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए कारगर सिद्ध होगी परियोजना

रेवाड़ी बाईपास : यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए कारगर सिद्ध होगी परियोजना

गोबर-धन संयंत्र का शिलान्यास और लगभग 1069 करोड़ रुपए से निर्मित रेवाड़ी बाइपास का भी उद्घाटन किया

प्रतीकात्मक तस्वीर

संविधान शिल्पी बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेशवासियों को विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट, यमुनानगर में लगभग 8469 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 800 मेगावाट की तीसरी इकाई का शिलान्यास किया। इसके अलावा, यमुनानगर में 90 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले गोबर-धन संयंत्र का शिलान्यास और लगभग 1069 करोड़ रुपये से निर्मित रेवाड़ी बाइपास का भी उद्घाटन किया।

समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज, कृष्ण लाल पंवार और श्याम सिंह राणा भी मौजूद रहे। 

इस परियोजना को पूरा करने के लिए 52 महीने की समय सीमा तय की गई

ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हरियाणा पावर जनरेशन कापोर्रेशन लिमिटेड (एचपीजीसीएल) को दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट, यमुनानगर में 800 मेगावाट की तीसरी इकाई स्थापित करने की अनुमति दी गई। यह परियोजना यमुनानगर में दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्रोजेक्ट में 2़300 मेगावॉट इकाइयों वाले मौजूदा संयंत्र का विस्तार है।

इस तीसरी इकाई के निर्माण के लिए 233 एकड़ भूमि का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना को पूरा करने के लिए 52 महीने की समय सीमा तय की गई है, जबकि वाणिज्यिक संचालन 48 महीनों के अंदर यानि मार्च, 2029 तक शुरू हो जाएगा। इस इकाई से हरियाणा की घरेलू ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3,382 मेगावॉट तक बढ़ जाएगी। 

बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

रेवाड़ी बाईपास परियोजना को भारत माला परियोजना के अंतर्गत हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर लगभग 1069 करोड़ रुपये से विकसित किया गया है। यह चार लेन का बाईपास रेवाड़ी शहर के चारों ओर बनाया गया है, ताकि शहर की ट्रैफिक भीड़ को कम किया जा सके।

यह बाईपास कुल 14.4 किलोमीटर लंबा है। यह एन.एच.-352 जंक्शन से शुरू होकर नारनौल की दिशा में एन.एच.-11 से जुड़ता है। यह परियोजना रेवाड़ी शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने और नारनौल से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए सफर और भी सुविधाजनक और समयबद्ध होगा।

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