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The Haryana Story | हरियाणा में केवल एक चालू वृद्धाश्रम – मानवाधिकार आयोग ने देरी पर अधिकारियों को लगाई फटकार

हरियाणा में केवल एक चालू वृद्धाश्रम – मानवाधिकार आयोग ने देरी पर अधिकारियों को लगाई फटकार

झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक और सिरसा में अभी तक भूमि की पहचान नहीं हो सकी

प्रतीकात्मक तस्वीर

चंडीगढ़ हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) ने 31 जनवरी 2025 के अपने पिछले आदेश के अनुपालन में राज्य के सभी 22 जिलों में वृद्धाश्रमों के निर्माण की स्थिति की समीक्षा की। प्राप्त हुई रिपोर्ट के अनुसार 01 अप्रैल 2025 तक केवल रेवाड़ी जिले में वृद्धाश्रम कार्यरत है, जिसका उद्घाटन 6 जनवरी 2023 को हुआ था। 

झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक और सिरसा में अभी तक भूमि की पहचान नहीं हो सकी है। गुरुग्राम, कैथल, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और नूंह में भूमि चिन्हित कर ली गई है, निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। जबकि फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और यमुनानगर में निर्माण कार्य के लिए टाउन प्लानिंग विभाग की मंजूरी लंबित है। करनाल (स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत) और पंचकूला (माता मनसा देवी ट्रस्ट के तहत) में वृद्धाश्रम निर्माण कार्य प्रगति पर है।

रेवाड़ी वृद्धाश्रम का वर्चुअल निरीक्षण भी आयोग द्वारा किया गया, जिसमें पाया गया कि 170 लोगों की क्षमता वाले भवन में मात्र 12 बुजुर्ग (9 पुरुष, 3 महिलाएं) रह रहे हैं। वहां सफाई, रसोई और शौचालयों की स्थिति खराब पाई गई। केवल 1 सफाई सेवक नियुक्त है, जो अपर्याप्त है।

चेयरपर्सन जस्टिस ललित बत्रा क्र साथ दोनों सदस्यों कुलदीप जैन और दीप भाटिया के फुल कमीशन  ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 की धारा 19 का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम होना अनिवार्य है। वृद्धों के सम्मान और जीवन की गरिमा सुनिश्चित करने हेतु सरकार की जिम्मेदारी तय की गई।

हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने निम्नलिखित अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने और व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने का निर्देश दिया गया है और हरियाणा मानवाधिकार ने 29 जुलाई 2025 तक विस्तृत कार्यवाही रिपोर्ट मांगी गई है।

  1. अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
  2. मुख्य प्रशासक, HSVP, पंचकूला
  3. निदेशक, विकास एवं पंचायत विभाग
  4. निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग 
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