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The Haryana Story | चिंता का विषय : प्रदेश में 12वीं के नतीजों में नूंह फिसड्डी क्यों ? सबसे ज्यादा नकल के केस भी इसी जिले में, आखिर क्या हैं बड़े कारण

चिंता का विषय : प्रदेश में 12वीं के नतीजों में नूंह फिसड्डी क्यों ? सबसे ज्यादा नकल के केस भी इसी जिले में, आखिर क्या हैं बड़े कारण

क्षेत्र के सरकारी स्कूलों का सीनियर सेकेंडरी रिजल्ट पूरे प्रदेश में सबसे खराब रहा, जिसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे

प्रतीकात्मक तस्वीर

चाहे बुनियादी सुविधाएं हों, चिकित्सा सुविधाएं हों या फिर कृषि, हरियाणा का मेवाती इलाका और जिले के लोग बुनियादी सुविधाओं के मामले में भी हाशिए पर हैं, जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से जरूरी कदम उठाए जाने की जरूरत है। अभिभावक और सभी दलों के नेता लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि पिछड़े मेवात इलाके को कृषि, स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में आगे लाने और विकास के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। इस बीच, यह बताना उचित होगा कि स्कूली शिक्षा के मामले में परिदृश्य अपरिवर्तित बना हुआ है, जो मंगलवार को घोषित सीनियर सेकेंडरी कक्षा के नतीजों से साफ जाहिर होता है।

कक्षा 12 के नतीजों में नूंह जिले का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, जो गंभीर चिंता का विषय

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) द्वारा जारी कक्षा 12 के नतीजों में नूंह जिले का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, जो गंभीर चिंता का विषय है। बोर्ड के अनुसार, 85.66 फीसद नियमित छात्र परीक्षा में पास हुए, जबकि केवल 63.21 फीसदी निजी उम्मीदवार ही पास हुए। गौरतलब है कि क्षेत्र के सरकारी स्कूलों का सीनियर सेकेंडरी रिजल्ट पूरे प्रदेश में सबसे खराब रहा, जिसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। नूंह का परिणाम 45.76 प्रतिशत रहा। इस परीक्षा में जिले के सभी स्कूलों से 7588 विद्यार्थी बैठे थे, जिनमें से 3472 विद्यार्थी पास हुए तथा 1 हजार 758 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। बोर्ड परीक्षा में 2358 विद्यार्थी फेल हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से रिजल्ट में बच्चों के कम पास होने का कारण इस बार सबसे ज्यादा नकल के मामले पकड़े जाने और उन पर अंकुश लगाने को बताया जा रहा है। 

शिक्षण व गैर-शिक्षण स्टाफ की भारी कमी, बुनियादी ढांचे की कमी और कम साक्षरता स्तर...

नूंह के लगातार खराब प्रदर्शन को देखते हुए अभिभावकों और निवासियों में निराशा है, जो शिक्षण व गैर-शिक्षण स्टाफ की भारी कमी, बुनियादी ढांचे की कमी और कम साक्षरता स्तर जैसे लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को मुख्य कारण बता रहे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए विधायक आफताब अहमद ने राज्य सरकार से मौजूदा शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने, जिला व खंड स्तर पर अधिकारियों की नियुक्ति करने, खराब रिजल्ट की मंडल आयुक्त स्तर के अधिकारियों से समीक्षा करवाने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने कमजोर विद्यार्थियों के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने और अतिरिक्त कक्षाएं लगाने की भी मांग की है, ताकि मेवात जिले में शैक्षणिक सुधार हो सके। 

विधायक आफताब अहमद ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से की मुलाकात 

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधायक को जरूरी कदम उठाने के साथ सर्ग सकारात्मक आश्वासन दिया है। उपरोक्त के अलावा आफताब अहमद ने मेडिकल कॉलेज नल्हड़ की दुर्दशा और मौजूदा हालात पर भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ यह कॉलेज प्रदेश के हजारों मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य संस्थान है, वहीं दूसरी तरफ आवश्यक संसाधनों की भारी कमी, खराब रख रखाव और प्रशासनिक उदासीनता के कारण इसकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। आफताब अहमद ने बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से उनके आवास पर मुलाकात की। विधायक आफताब अहमद ने 12वीं बोर्ड के बेहद खराब नतीजों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री से समाधान की मांग की है। मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में विधायक ने कहा कि मात्र 45 प्रतिशत विद्यार्थी ही सफल हुए हैं। 

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