
हरियाणा में फतेहाबाद जिले के रतिया शहर के नागरिक अस्पताल में जहां क्षेत्रवासियों को डॉक्टरों की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, वहीं नागरिक अस्पताल में लगी 'तीसरी आंख' भी पिछले काफी समय से बीमार है, जिसको दुरुस्त करवाने के लिए विभाग द्वारा उन्हें कंपनी में भेजा गया है, लेकिन तीसरी आंख के बीमार होने के चलते इलाज करवाने आए मरीजों को अपने वाहनों से हाथ धोना पड़ रहा है।
चोरी या मारपीट की वारदातों का खुलासा नहीं हो पाता
दरअसल नागरिक अस्पताल के अंदर व बाहर लगे कैमरे के खराब होने के चलते पिछले कुछ समय से नागरिक अस्पताल में आए मरीजों के बाइक व अन्य वाहन चोरी हो रहे हैं, लेकिन तीसरी आंख के खराब होने के चलते चोरी होने के मामले में कोई भी सुराग हाथ नहीं लग पा रहे। बल्कि नागरिक अस्पताल में कई बार दो पक्षों में झगड़े की बातें भी सामने आई हैं। नागरिक अस्पताल में जहां तीसरी आंख बीमार हैं, वहीं अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज़ों व आमजन को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
शहर मात्र 4 डॉक्टरों के सहारे चल रहा
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ समय पहले ही स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी से नागरिक अस्पताल का दर्जा मिला है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों के बराबर ही है। नागरिक अस्पताल में दो एसएमओ व 11 डॉक्टर की आवश्यकता है, पर यहाँ तो लेकिन 4 मेडिकल ऑफिसर ही कार्यरत है। अस्पताल में सर्जरी व विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है और इतनी जनसंख्या का शहर मात्र 4 डॉक्टरों के सहारे चल रहा है।
बता दें कि अस्पताल में हर रोज करीबन 200 ओपीडी होती है, पर लेकिन डॉक्टर की कमी के चलते मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है, जो कुछेक मरीज आते हैं उन्हें भी विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के चलते अक्सर रेफर ही करना का दिया जाता है। सिर्फ मई महीने की बात करें तो दो सप्ताह में ही अब तक करीब 20 मरीज रेफर किए जा चुके है जो क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को दर्शाते है।
20 वर्षों में जनसंख्या डेढ़ गुना हो गई है, लेकिन सेवाओं में कोई इजाफा नहीं
रतिया के अस्पताल को सीएचसी से बढ़ाकर नागरिक अस्पताल बनाया गया ने था तथा एक और ब्लॉक बनाकर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के साथ साथ जोड़कर इसे 30 बेड से 50 बेड का किया गया लेकिन सुविधा 30 बेड के हॉस्पिटल जितनी भी नहीं है, शहर में पिछले 20 वर्षों में जनसंख्या डेढ़ गुना हो गई है, लेकिन सेवाओं में कोई इजाफा नहीं हुआ है। शहर में नागरिक अस्पताल के साथ-साथ एक अर्बन और सब सेंटर चल रहा है लेकिन 2006 के बाद उसमें भी कोई इजाफा नहीं हुआ।
मुख्यालय में पत्र भी भेजा गया है उम्मीद है जल्दी अस्पताल में अन्य डॉक्टर आएंगे
अस्पताल में नहीं है विशेषज्ञ अस्पताल रेडियोलॉजिस्ट, नेत्र, दांत, हड्डी रोग के विशेषज्ञ नहीं है। विशेषज्ञ न होने के चलते मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए जाना पड़ रहा है। नागरिक अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अमित ने बताया कि अस्पताल में 22 कैमरे लगे हैं लेकिन कुछ दिनों पहले इलेक्ट्रिसिटी की वजह से टेक्निकल फाल्ट होने के कारण कैमरा बॉक्स खराब हो गए है और फिलहाल 6 कैमरे चल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि उन्हें दुरुस्त करवाने के लिए कंपनी के पास भेजा गया है उन्होंने कहा कि बाइक चोरी होने के दो मामले संज्ञान में आए थे वहीं उन्होंने माना कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है जिनका पूरा करने के लिए उच्च अधिकारियों ने प्रदेश मुख्यालय में पत्र भी भेजा गया है उम्मीद है जल्दी अस्पताल में अन्य डॉक्टर आएंगे।
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