
केंद्र सरकार ने 59 सदस्यों वाले डेलिगेशन की घोषणा की है। इसमें 51 नेता और 8 राजदूत हैं। इसमें एलडीए के 31 और 20 दूसरे दलों के हैं जिसमें 3 कांग्रेस नेता भी हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। वहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख रखेगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर को अमेरिका सहित 5 देश जाने वाले डेलिगेशन की कमान सौंपी
हालांकि डेलिगेशन कब रवाना होगा, फिलहाल इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, डेलिगेशन के 23 या 24 मई को भारत से रवाना होने की बात कही जा रही है। इस डेलिगेशन को 7 ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप में एक सांसद को लीडर बनाया गया है। प्रत्येक ग्रुप में 8 से 9 सदस्य हैं। इनमें 6-7 सांसद, सीनियर लीडर (पूर्व मंत्री) और राजदूत शामिल हैं। सभी डेलिगेशन में कम से कम 1 मुस्लिम प्रतिनिधि को रखा गया है। चाहे वह राजनेता हो, या राजदूत हो। कांग्रेस सांसद शशि थरूर को अमेरिका सहित 5 देश जाने वाले डेलिगेशन की कमान सौंपी गई है।
ग्रुप 1 की कमान भाजपा सांसद बैजयंत पांडा को सौंपी
ग्रुप 1 की कमान भाजपा सांसद बैजयंत पांडा, ग्रुप 2 की जिम्मेदारी भाजपा के रविशंकर प्रसाद, ग्रुप 3 की जेडीयू के संजय कुमार झा, ग्रुप 4 की शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, ग्रुप 5 की शशि थरूर, ग्रुप 6 की डीएमके सांसद कनिमोझी और ग्रुप 7 की जिम्मेदारी एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले के हाथ में है। केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि एक मिशन, एक संदेश, एक भारत। 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत प्रमुख देशों से मिलेंगे जो आतंकवाद के खिलाफ हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाता है।
विदेश मंत्री नीदरलैंड, जर्मनी और डेनमार्क के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे
विदेश मंत्री एस. जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, जर्मनी और डेनमार्क के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर तीनों देशों के नेतृत्व से मिलेंगे और द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण दायरे पर चर्चा करेंगे। पारस्परिक हितों के वैश्विक और क्षेत्रीय मामलों पर भी चर्चा होगी। जयशंकर की जर्मनी यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब फ्रेडरिक मर्ज ने जर्मनी के नए संघीय चांसलर के रूप में पदभार संभाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रेडरिक मर्ज को हार्दिक बधाई दी थी और भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए चांसलर मर्ज के साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी।
भारत के इन उक्त देशों के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध
भारत इन उक्त देशों के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करता है। पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकी हमले के मद्देनजर ये तीनों देश दुनियाभर के उन कई देशों में शामिल थे जिन्होंने भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की थी। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने भारत को समर्थन की पेशकश की और आतंकवाद के सभी कृत्यों की निंदा की। उन्होंने हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। डेनमार्क के पीएम कार्यालय ने एक्स पर लिखा कि पहलगाम से भयानक खबर। डेनमार्क भारत के साथ खड़ा है।
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