
हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि निकाय से संबंधित विकास कार्य में किसी प्रकार की लेटलतीफी नहीं होनी चाहिए, अगर कोई एजेंसी तय समय में विकास से सम्बंधित प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी कर रही है तो ऐसी एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जाए। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने विभिन्न पहलुओं को लेकर निकाय विभाग के अधिकारियों की बैठक ली है। बैठक के दौरान विभाग से जुड़े अलग अलग पहलुओं पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने रिव्यू किया है।
आगे-आगे समय बढ़ाते रहते है जो ठीक नहीं
उन्होंने इस दौरान कहा कि विकास कार्यों से सम्बंधित टेंडर लेने वाले ठेकेदार अथवा एजेंसी की मॉनिटरिंग की जाए, खास कर उनपर नजर रखी जाए जो 10 प्रतिशत माइन्स में टेंडर लेकर कार्य कर रहे है, उनके कामकाज की क्वालिटी की समय समय पर जांच हो। कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि कुछ एजेंसी काम का टेंडर लेकर उसे तय समय में पूरा करने की बजाय, आगे-आगे समय बढ़ाते रहते है जो ठीक नहीं है।
जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, यह सुनिश्चित किया जाये और तय समय पर प्रोजेक्ट पूरा ना करने वाली फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की करवाई सम्बंधित अधिकारी करे। इसके साथ ही उन्होंने टेंडर एस्टिमेट पर नजर रखने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार से लापरवाही ना हो।
प्रदेश की सफाई व्यवस्था को लेकर भी कई पहलुओं पर चर्चा की
बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर ठोस कदम उठाने के निर्देश भी विभाग के अधिकारियों को दिए। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने बैठक में प्रदेश की सफाई व्यवस्था को लेकर भी कई पहलुओं पर चर्चा की।उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरियाणामें सफाई के लिए लगाई गई मशीनों की कैपेसिटी बढ़ाने की दिशा में काम किया जाए।
जिन एरिया में मशीन पुरानी है उन मशीनों की जगह अपग्रेड नई तकनीक आधारित मशीने खरीदी जाए। उन्होंने स्वच्छता रैंकिंग को लेकर भी बातचीत की तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस दिशा में भी ठोस तरीके से काम किया जाए ताकि प्रदेश साफ सुथरा बने और इसकी रैंकिंग में भी सुधार हो।
रेटिंग में यह सुनिश्चित किया जाए की कर्मचारी के कामकाज करने का तरीका क्या है ?
अधिकारियों की काबिलियत के आधार पर हो रेटिंग बैठक के दौरान निकाय विभाग से संबंधित तमाम क्षेत्र के अधिकारियों की रेटिंग को भी संकलित करने के निर्देश दिए गए। कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि रेटिंग में यह सुनिश्चित किया जाए की कर्मचारी के कामकाज करने का तरीका क्या है, उसकी क्वालिफिकेशन क्या है, कहां से कर्मचारी ने डिग्री हासिल की। इसके साथ-साथ उसकी अचीवमेंट क्या रही है। उनका कहना था कि ऐसा करने से एक कर्मचारी की काबिलियत का विभाग को भी पता रहेगा। ताकि उसकी कार्यशैली और योग्यता के अनुरूप किस सेक्शन में काम लेना है, यह आसानी से पता लग सकेगा।
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