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The Haryana Story | यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करवाने के लिए शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा को सौंपा ज्ञापन, प्रदेश में UCC Code लागू करवाने बारे ये 'पहला' ज्ञापन

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करवाने के लिए शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा को सौंपा ज्ञापन, प्रदेश में UCC Code लागू करवाने बारे ये 'पहला' ज्ञापन

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से वैवाहिक तलाक, लिव इन रिलेशनशिप, निषिद्ध संबंध, महिलाओं के हक व आबरू के हनन पर लगेगी रोक

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को यू.सी.सी लागू करवाने को लेकर ज्ञापन देते महाकाल सेना एसोसिएशन

महाकाल सेना एसोसिएशन द्वारा माननीय शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को  यू.सी.सी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करवाने को लेकर ज्ञापन दिया गया,  जो कि अपने आप में प्रदेश में यू.सी .सी कोड लागू करवाने बारे ये पहला ज्ञापन है। ज्ञापन का उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों के लिए उनके धर्म, जाति, लिंग की परवाह किए बिना कानून को एक समान स्थापित करना है। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने से विवाह का तलाक का पंजीकरण, लिव एंड रिलेशनशिप, निषिद्ध संबंध, व महिलाओं के हक व आबरू के हनन को रोक लगेगी और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होगा।

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही विधानसभा में मुद्दा लेकर जाएंगे

अलग-अलग पर्सनल लॉ के कारण कोर्ट में लंबित मामलों का बोझ कम होगा क्योंकि एक समान कानून लाने से मामलों का जल्दी निपटारा होगा। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि वे जल्द ही विधानसभा में मुद्दा लेकर जाएंगे। इस मौके पर महाकाल सेना एसोसिएशन से करण शर्मा, सचिन भारद्वाज, अजय कश्यप, पवन कश्यप, राकेश प्रजापत, पवन सहगल, विशाल राजपूत व महाकाल सेना एसोसिएशन टीम के काफी सदस्य मौजूद रहे। 

आइये समझते हैं आखिर यह कानून क्या है ?

यूनिफॉर्म सिविल कोड में देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए एक समान, एक बराबर कानून बनाने की वकालत की गई है। सरल भाषा में कहें तो इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए कानून एक समान होगा। मजहब और धर्म के आधार पर मौजूदा अलग-अलग कानून एक तरह  से निष्प्रभावी हो जाएंगे।

  • विवाह, तलाक, गोद लेने और संपत्ति में सभी के लिए एक नियम।
  • परिवार के सदस्यों के आपसी संबंध और अधिकारों में समानता।
  • जाति, धर्म या परंपरा के आधार पर नियमों में कोई रियायत नहीं।
  • किसी भी धर्म विशेष के लिए अलग से कोई नियम नहीं। 

 

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से क्या बदलेगा

  • जो कानून हिंदुओं के लिए, वहीं दूसरों के लिए भी
  • बिना तलाक के एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे
  • UCC के तहत शादी, तलाक, संपत्ति, गोद लेने जैसे मामले
  • हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून
  • शरीयत के मुताबिक जायदाद का बंटवारा नहीं होगा

 

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से क्या नहीं बदलेगा?

  • UCC लागु होने से धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं होगा।
  • धार्मिक रीति-रिवाज पर भी कोई असर नहीं होगा।
  • वहीं खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर भी कोई प्रभाव नहीं होगा।

 

UCC लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य 

बता दें कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता/UCC) लागू करने के सुर काफी समय से उठ रहे है। वहीं आपको ये भी बता दें कि उत्तराखंड राज्य यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। हालांकि, गोवा में यूनिफॉर्म सिविल कोड देश में शामिल होने से पहले ही लागू है, लेकिन गोवा में पुर्तगाल सरकार ने ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया था। वर्ष 1961 में गोवा सरकार उक्त सिविल कोड के साथ ही बनी थी। ऐसे में उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसकी कैबिनेट ने सिविल कोड लागू करने का निर्णय लिया है।

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