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The Haryana Story | दर्दनाक हादसा : नानी के घर आए तीन साल के मासूम की जोहड़ में डूबने से मौत, अपने घर जाने की थी तैयारी, लेकिन हो गया हादसा

दर्दनाक हादसा : नानी के घर आए तीन साल के मासूम की जोहड़ में डूबने से मौत, अपने घर जाने की थी तैयारी, लेकिन हो गया हादसा

ग्रामीणों से कहा - गांव में जोहड़ के आसपास कई बच्चे रोजाना खेलते हैं, आज तक कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ। पहली बार ऐसा हुआ

जोहड़ में डूबा मासूम मयंक, रोती-बिलखती माँ

हरियाणा के करनाल जिले के नीलोखेड़ी में एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिससे पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया। यहाँ नानी के घर आये के तीन साल के बच्चे की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई, बच्चे के मौत से न केवल परिवार दुखी है, बल्कि इस दर्दनाक हादसे से पूरे गांव में मातम पसर गया है। जानकरी अनुसार गांव पुरानी नीलोखेड़ी में अपनी नानी के घर आए हुए 3 साल के मासूम बच्चे मयंक की गांव के ही जोहड़ में गिरकर डूबने से मौत हो गई। हालांकि गोताखोरों द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाकर पांच मिनट में ही बच्चे के शव को जोहड़ से बरामद कर लिया गया। बच्चे की मौत से जहां मां का हाल-बेहाल है वहीं पूरे गांव में मातम पसर गया। पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

मृतक बच्चे की परिजन सावित्री ने बताया गांव में जोहड़ के आसपास कई बच्चे रोजाना खेलते हैं, आज तक कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ। पहली बार ऐसा हुआ है। आज शायद इस मासूम बच्चे का समय ठीक नहीं था। बताया जा रहा है कि बच्चा खेलते-खेलते अचानक लापता हो गया, बताया ये भी जा रहा है कि बच्चा एक मुर्गी के पीछे-पीछे गया था या और बच्चों के साथ खेलते हुए तभी जोहड़ में गिर गया। हालाँकि हादसा कैसे हो इसकी अभी कोई पुष्टि नहीं है। 

जब परिजनों को मयंक घर में नहीं दिखा तो उन्होंने आस-पड़ोस और गांव में ढूंढा, लेकिन वो कहीं नहीं मिला। यहाँ तक की साथ लगते तरावड़ी तक भी बच्चे की तलाश की गई, पर कहीं कुछ पता नहीं चला। फिर शक हुआ कहीं बच्चा जोगाड़ में तो नहीं गिर गया। गोताखोरों और पुलिस को सूचित किया। गोताखोरों की मदद से बच्चे के शव को गांव के जोहड़ से निकाला गया है। बता दें कि बच्चा अपनी नानी के घर आया हुआ था। बल्कि बच्चों की अपनी नानी के घर से जाने की तैयारी थी, लेकिन अचानक से इस दर्दनाक हादसे में बच्चों ने अपनी जान चली गई।

मृतक बच्चे की नानी सत्तो ने बताया काफी देर से हम मयंक को ढूंढ रहे थे, लेकिन कहीं पर भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। पूरे गांव में भी बच्चे को तलाश किया गया। साथ लगते तरावड़ी तक बच्चों को तलाशा गया, लेकिन कहीं पर भी उसका कोई सुराग नहीं मिला, गांव में जोहड़ है फिर हमें शक हुआ कि बच्चा कहीं खेलते-खेलते इसमें ना चला गया हो जिसके बाद गोताखोरों द्वारा बच्चों की तलाश की गई और बच्चे का शव जोहड़ से बरामद किया गया।

वहीं मामले की जानकारी देते हुए प्रसिद्ध गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि यह बहुत दुखद घटना हुई है। अक्सर हम नहरों से डेड बॉडी निकालते रहते हैं। मैं अक्सर कहता हूं जब नहरों से हमें कोई 80-85 वर्ष की लाश मिलती है तब हमारा मन खराब होता है या फिर किसी मासूम बच्चे की लाश मिले तब मन बेचैन हो जाता है। उन्होंने कहा आज भी इस परिवार की तरफ से मैसेज मिला था, तुरंत यहां पर पहुँचे और पांच मिनट में बच्चे के शव को गांव के जोहड़ ने बाहर निकालकर पुलिस को सौंप दिया है।

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