
हरियाणा में नागरिक सुरक्षा और मानवीय संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, डायल 112 की टीम ने एक गुमशुदा बच्ची को केवल 20 मिनट में उसके परिजनों से मिलवाकर न सिर्फ उनके जीवन में फिर से मुस्कान लौटा दी, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि हरियाणा पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था की नहीं, बल्कि इंसानियत की भी प्रहरी है।
यह सिर्फ कर्तव्य नहीं, संवेदनशीलता का परिचय
वहीं डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत कपूर ने कहा कि यह सिर्फ कर्तव्य नहीं, संवेदनशीलता का परिचय है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने ईआरवी टीम को इस सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस की डायल 112 सेवा आपात स्थितियों में तेजी से प्रतिक्रिया देने वाली सबसे भरोसेमंद सेवा बनकर उभरी है। यह घटना हमारे जवानों की सतर्कता, संवेदनशीलता और मानवीयता का जीवंत उदाहरण है। मैं टीम को बधाई देता हूँ जिन्होंने केवल कानून की नहीं, एक परिवार की भावनाओं की भी रक्षा की। यह सिर्फ कर्तव्य नहीं, बल्कि एक मिशन है, जनसेवा का, जन सुरक्षा का।
वह सिर्फ एक वर्दीधारी संस्था नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की रक्षक
डीजीपी कपूर ने कहा कि डायल-112 सेवा के तहत औसतन 6 मिनट 51 सेकंड में प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। हजारों जानें, घायल या संकट में फंसे नागरिक, और अब मासूम बच्चे, सभी तक समय पर सहायता पहुँचाना डायल 112 की प्राथमिकता है। पिछले एक वर्ष में इस सेवा के जरिए 69 लाख से अधिक आपात कॉल्स का जवाब दिया गया और लगभग 19 लाख लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाई गई। हरियाणा पुलिस अनुशासन, संवेदनशीलता और समर्पण की पहचान हरियाणा पुलिस लगातार यह सिद्ध कर रही है कि वह सिर्फ एक वर्दीधारी संस्था नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की रक्षक है। चाहे वह मासूम बचपन हो या किसी संकट में फंसे नागरिक की मदद।
जब कोई मासूम मुस्कान खो जाए, तो हरियाणा पुलिस उसे ढूँढने में कोई कसर नहीं छोड़ती
यह घटना भी यही बताती है कि जब कोई मासूम मुस्कान खो जाए, तो हरियाणा पुलिस उसे ढूँढने में कोई कसर नहीं छोड़ती। सूचना मिलते ही डायल 112 की ईआरवी (एमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल) टीम, जिसमें एएसआई कर्ण सिंह और अन्य कर्मचारी शामिल थे। केवल 5 मिनट में मौके पर पहुँच गई। बच्ची डरी-सहमी थी, लेकिन टीम ने अत्यंत मानवीयता, धैर्य और सूझबूझ के साथ कार्य करते हुए आस-पास के लोगों से पूछताछ की, संभावित इलाकों की तलाश की और महज 20 मिनट में बच्ची को सकुशल उसके माता-पिता से मिला दिया।
खेलते-खेलते गलियों में भटक गई थी बच्ची, 20 मिनट में परिजनों को सौंपा
डायल 112 ने 5 मिनट में मौके पर पहुँच 20 मिनट में परिजनों को सौंपा, परिजनों ने ली रहत की सांस परिजनों के शब्दों में नहीं, आँखों में कृतज्ञता और राहत का भाव था। उन्होंने डायल 112 टीम का तहेदिल से आभार जताया और इसे अपने जीवन की सबसे बड़ी राहत बताया। ईआरवी की टीम को बच्ची रोती मिली, कोई जानकारी नहीं दे पाई 24 मई, शुक्रवार की रात करीब 10 बजे पंचकूला सेक्टर-15 से डायल 112 पर बच्ची की गुमशुदगी से संबंधित एक कॉल प्राप्त आई। उसने बताया कि एक मात्र दो साल की बच्ची लापता हो गई है। बच्ची इतनी छोटी थी कि वह अपना नाम, माता-पिता या घर का पता कुछ भी नहीं बता सकती थी। वह खेलते-खेलते गलियों में भटक गई थी।
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