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The Haryana Story | अब घर बैठे मोबाइल एप 'मेरा ई-केवाईसी' पर कर सकेंगे ई-केवाईसी प्रमाणीकरण

अब घर बैठे मोबाइल एप 'मेरा ई-केवाईसी' पर कर सकेंगे ई-केवाईसी प्रमाणीकरण

राज्य में अब तक बायोमेट्रिक के माध्यम से ई केवाईसी की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन अब लाभार्थी घर बैठे मोबाइल पर अपना केवाईसी प्रमाणीकरण कर सकते हैं

प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया 2.0 के साथ कदम से कदम मिलाते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रकों को केवाईसी मोबाइल ऐप' के बारे में जागरूकता लाने के निर्देश दिए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों के लिए 'केवाईसी मोबाइल ऐप' प्रयोग में लाने को प्रोत्साहित करने के निर्देश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रकों को जारी किये गए हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों को अब उचित मूल्य दुकान पर जाकर ई-केवाईसी प्रमाणीकरण करवाने की आवश्यकता नहीं हैं। हालांकि अब भी यह संभव हो सकेगा लेकिन डिजिटल प्लेटफार्म पर ई-केवाईसी करवाना अधिक सुगम है।

'मेरा ई-केवाईसी' पर फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरा प्रमाणीकरण) कर के किया जा सकता है रजिस्टर

राज्य में अब तक बायोमेट्रिक के माध्यम से ई केवाईसी की सुविधा उपलब्ध है। अब लाभार्थी घर बैठे मोबाइल पर अपना केवाईसी प्रमाणीकरण कर सकते हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता राज्य मंत्री राजेश नागर ने बताया कि विभाग द्वारा आज प्रदेश के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को ई-केवाईसी मोबाइल एप्लीकेशन 'मेरा ई-केवाईसी' पर फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरा प्रमाणीकरण) कर के रजिस्टर किया जा सकता है। ओटीपी के माध्यम से यह प्रमाणीकरण संभव हो सकेगा। अधिकतर परिवार का एक या दो सदस्य ही डिपो पर जाते हैं और बायोमैट्रिक के जरिए राशन प्राप्त करते हैं। 

स्मार्ट एंड्रॉयड फोन पर गूगल प्ले-स्टोर पर जाकर किया जा सकता है डाउनलोड

अब इस मोबाइल ऐप के जरिए परिवार के सभी सदस्य अपना ई केवाईसी प्रमाणीकरण कर सकते हैं। विभाग के अधिकारियों द्वारा इस बारे में आम जनता में जागरूकता लाने को कहा गया है। इस मोबाइल ऐप को किसी भी स्मार्ट एंड्रॉयड फोन पर गूगल प्ले-स्टोर पर जाकर डाउनलोड किया जा सकता है। डिजिटल आइडेंटिटी वेरिफिकेशन के लिए उठाया गया हरियाणा सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है। अब तक डिपो स्थल पर पॉइंट ऑफ सेल मशीन (बिक्री मशीन) से प्रदेश भर में 48 प्रतिशत ई केवाईसी प्रमाणीकरण हो चुका है। इस प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से अब मोबाइल ऐप के इस्तेमाल को बल दिया जा रहा है।

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