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The Haryana Story | कांग्रेस विधायक का भाजपा पर तंज, बोले - प्रदेश सरकार उत्सव मनाने में लगी, कानून व्यवस्था का पिट चुका दीवाला, 'गुंडों' के हौंसले बुलंद

कांग्रेस विधायक का भाजपा पर तंज, बोले - प्रदेश सरकार उत्सव मनाने में लगी, कानून व्यवस्था का पिट चुका दीवाला, 'गुंडों' के हौंसले बुलंद

कहा - प्रतिदिन प्रदेश में लूट, हत्या, चोरी, डकैती, छीना-झपटी होना आम बात हो गई है, अरोड़ा अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे

थानेसर विधायक एवं पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा

थानेसर विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने दो दिन पहले शाहबाद में शराब ठेकेदार की गुंडों द्वारा सरेआम गोली मारकर हत्या किए जाने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था का दीवाला पिट चुका है। प्रतिदिन प्रदेश में लूट, हत्या, चोरी, डकैती, छीना-झपटी होना आम बात हो गई है। अरोड़ा अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ मनु जैन तथा कांग्रेस नेता सौरभ गर्ग भी मौजूद रहे। विधायक अरोड़ा ने कहा कि आज प्रदेश में व्यापारियों से फिरौती मांगी जा रही है।

उत्सव मनाने की बजाय बिगड़ी कानून व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए

आईलेट्स सेंटरों पर गोलियां दागी जा रही है। गुंडों के हौंसले बुलंद है, जो व्यापारी फिरौती नहीं देता उसकी हत्या कर दी जाती है। जिस पुलिस को लोगों की सुरक्षा करनी चाहिए वह वीआईपी सुरक्षा में लगी रहती है। सरकार उत्सव मनाने में लगी हुई है, जनता परेशान है। उत्सव मनाने में निर्धारित रूट से हटाकर सरकारी बसों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे जनता को भारी परेशानी होती है। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार को उत्सव मनाने की बजाय प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। जनता के जान-माल की रक्षा करनी चाहिए। 

बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण कोई भी निवेशक हरियाणा में निवेश करने नहीं आ रहा

उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण कोई भी निवेशक हरियाणा में निवेश करने नहीं आ रहा है। जिससे पहले से बढ़ रही बेरोजगारी और अधिक बढ़ेगी। सरकार को इस ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि प्रदेश मे कानून व्यवस्था का यह हाल है कि यमुनानगर में गुंडों के डर के मारे लगभग 90 प्रतिशत शराब के ठेकों की नीलामी के लिए कोई आगे नहीं आया। जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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