
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तर्ज पर साल 2012 में अस्तित्व में आए हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग में लंबे समय से लंबित चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति होने के बाद शिकायतों के निपटान के काम के स्पीड पकड़ने की उम्मीद है। बता दें कि आयोग के पास साल की अवधि में औसतन 200 से ज्यादा शिकायत आ रहीं हैं। मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि आयोग के पास एक साल की अवधि में जितने भी शिकायत आई है उनमें से करीब 66 फीसद का निपटान होना अभी बाकी है। क्योंकि पिछले साल आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पाई थी तो शिकायतों का निपटान रुक गया था।
आयोग के पास तीन तरीके से शिकायतें आती हैं
ये भी बता दें कि आयोग के पास तीन तरीके से शिकायतें आती हैं। आयोग के पास पीड़ित मेल से शिकायत भेजता हो इसके अलावा फिजिकली भी शिकायत भेजी जाती है। वहीं इसके अलावा आयोग कई बार मामले की गंभीरता को देखते हुए स्यू मोटो(स्वत संज्ञान) भी लेता है। गौरतलब है कि मानवाधिकार आयोग ने 27 नवंबर 2024 को पुनर्गठित किये जाने के बाद अपने 6 महीनों के कार्यकाल में ही 3086 मामलों में सुनवाई के बाद न्याय कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। आयोग ने माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और दोनों माननीय सदस्य कुलदीप जैन एवं दीप भाटिया के नेतृत्व में, हरियाणा में मानवाधिकार मामलों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की है। आयोग के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 में हरियाणा में 2442 नए मामले दर्ज हुए।
विभिन्न जिलों में जो 2442 नए मामले दर्ज किए गए
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पास 01 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच में विभिन्न जिलों में जो 2442 नए मामले दर्ज किए गए इनमें सबसे अधिक मामले फरीदाबाद में 258 और गुरुग्राम में 320 मामले में दर्ज किए गए इनके अलावा हिसार में 182, पंचकूला में 173 और समस्त प्रदेश/अन्य जगहों पर कल 119 मामले रिपोर्ट हुए। इनके अलावा सोनीपत, पानीपत और सिरसा में संयुक्त रूप से 339, प्रत्येक 113 शिकायत मानवाधिकार आयोग को प्राप्त हुई। करनाल में 109 और रोहतक में 103 शिकायत आयोग के पास आई। बाकी शिकायत प्रदेश के अन्य जिलों से रिपोर्ट हुई है।
70 फीसद से ज्यादा शिकायत तो पुलिस कर्मचारियों और विभागीय अधिकारियों या विभाग के खिलाफ
आयोग से प्राप्त जानकारी अनुसार आयोग के पास जितनी भी शिकायत आती हैं अनुमानित तौर पर उनमें से औसतन 70 फीसद से ज्यादा शिकायत तो पुलिस कर्मचारियों और विभागीय अधिकारियों या विभाग के खिलाफ होती हैं जो कि चिंतनीय है। आयोग पहले भी पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता रहा है। इनमें पुलिस विभाग के खिलाफ यौन शोषण, शोषण, वसूली, हिरासत में मारपीट, रिश्वत और छेड़छाड़ जैसी गंभीर शिकायतें भी रहती हैं। इसके अलावा कस्टडी में मारपीट या फिर कस्टडी में मौत को लेकर भी शिकायत आयोग के पास आती है। इसके अलावा अन्य विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत आयोग के पास रिसीव होती हैं।
27 नवंबर 2024 से 31 मई 2025 की अवधि के दौरान, कुल 3086 मामलों का निष्पादन किया
आयोग में आने वाले मामलों में ज्यादातर मामलों में पुलिस के अलावा प्रशासन, परिवार पहचान पत्र, सरकारी स्कीम का लाभ नहीं मिलने, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना, प्रॉपर्टी पर कब्जा, अतिक्रमण, समाज कल्याण विभाग तथा डॉक्टरों द्वारा मेडिकल नेग्लिजेंस आदि से संबंधित होते हैं। बहुत से मामलों में आयोग स्वत संज्ञान लेता है और लोगों की शिकायतों पर भी कार्रवाई करता है।
कमीशन के प्रोटोकॉल, प्रोटोकॉल, सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि आयोग हरियाणा में न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए मामलों के शीघ्र निपटान के लिए प्रतिबद्ध है। 27 नवंबर 2024 से 31 मई 2025 की अवधि के दौरान, कुल 3086 मामलों का निष्पादन किया गया, जिसमें स्व-प्रेरित मामले और 56 ऐसे मामले शामिल थे जो दो साल से अधिक समय से लंबित थे। अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और दोनों सदस्य कुलदीप जैन एवं दीप भाटिया के नेतृत्व में, आयोग ने पूरे राज्य में मानवाधिकार उल्लंघनों को सक्रिय रूप से संबोधित किया है।
related

.webp)
युवा मॉक पार्लियामेंट में सीएम सैनी ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथों, राहुल गांधी पर भी कसे तंज, कहा - कांग्रेस को विपक्ष की गरिमा की भी कोई चिंता नहीं

पहली बार सेवानिवृत्त गैर-आईएएस अधिकारी को राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया, कौन हैं नए चुनाव आयुक्त देवेंद्र सिंह कल्याण
.webp)
मंत्री अरविन्द शर्मा बोले - प्रदेश में बदमाशों के लिए कोई जगह नहीं, सीएम पहले ही कह चुके बदमाश हरियाणा छोड़ दें..नहीं तो..!!
Latest stories

कलयुगी बेटे ने माँ और भाई पर बरसाई ईंट, माँ की मौत, पुलिस ने आरोपी बेटे को किया गिरफ्तार, हुआ बड़ा खुलासा
.webp)
कन्हैया हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एसपी ऑफिस पहुंचा पीड़ित परिवार, डीएसपी बोले- दोषी को बख्शा नहीं जाएगा

सीएम ने कहा 'आपातकाल' के काले दौर का महिलाओं को ने डटकर किया सामना, गुरुग्राम में मॉक पार्लियामेंट में संबोधित कर रहे थे सीएम