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The Haryana Story | साइबर ठगी के अंतरराज्यीय सिंडिकेट का पर्दाफाश, 3 जालसाज गिरफ्तार, चीन में पहुंचा रहे थे ठगी हुई रकम

साइबर ठगी के अंतरराज्यीय सिंडिकेट का पर्दाफाश, 3 जालसाज गिरफ्तार, चीन में पहुंचा रहे थे ठगी हुई रकम

आरोपित टेलीग्राम ऐप के माध्यम से चीनी ठगों के संपर्क में थे

प्रतीकात्मक तस्वीर

दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली जिला पुलिस ने साइबर ठगी के अंतरराज्यीय सिंडिकेट का पर्दाफाश कर 3 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। ये देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों से ठगी गई रकम को क्रिप्टो करेंसी यूएसडीटी के माध्यम से चीन में पहुंचा रहे थे। पुलिस ने इनसे धोखाधड़ी में इस्तेमाल 6 स्मार्टफोन बरामद किए हैं। पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि जालसाजों की पहचान राजस्थान के जयपुर निवासी महेंद्र सिंह राजावत, आरिफ खान और लक्ष्मी नारायण वैश्य के रूप में हुई है। आरोपित टेलीग्राम ऐप के माध्यम से चीनी ठगों के संपर्क में थे। अंतरराज्यीय सिंडिकेट के तीनों ठग ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चीन ट्रांसफर कर रहे थे। इन्होंने हाल ही में दिल्ली के व्यक्ति से 15 लाख से ज्यादा रुपए ठगे थे।

ठगों ने पीड़ित को भरोसे में लेने के लिए पहले तो कुछ दिनों तक उसे लाभ दिया

ये ऑनलाइन टास्क देकर ठगी कर रहे थे। जिले की साइबर थाना पुलिस को के.कांत नाम के पीड़ित ने शिकायत दी थी। पीड़ित से ठगों ने व्हाट्सएप और आरिफ खान और लक्ष्मी नारायण वैश्य को गिरμतार किया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरिफ खान और लक्ष्मी नारायण वैश्य टेलीग्राम पर चीनी ठग के संपर्क में थे।

उन्होंने ठगी की रकम के लिए चीनी ठगों को बैंक खाते भी उपलब्ध करवाए। टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया था। आरोपितों ने पीड़ित को होटल और रेस्तरां के लिए ऑनलाइन पॉजीटिव समीक्षा करने के लिए कहा था। इस टास्क की एवज में मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया। ठगों ने पीड़ित को भरोसे में लेने के लिए पहले तो कुछ दिनों तक उसे लाभ दिया। 

चीनी ठगों को बैंक खाते भी उपलब्ध करवाए

जब पीड़ित उनके झांसे में आ गया तो आरोपितों ने उनसे विभिन्न बहानों से 15.08 लाख रुपए ठग लिए थे। चीनी ठगों को बैंक खाते भी उपलब्ध करवाए। इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक ने बताया कि जिन खातों में ठगी की रकम भेजी गई, उनके बारे में जानकारी जुटाई गई। वह राजस्थान में अलग-अलग जगह के थे। पुलिस ने जयपुर, अजमेर सहित अन्य जगहों पर छापेमारी की।

तब महेंद्र सिंह राजावत, पुलिस को आरोपियों के मोबाइल में चीनी ठगों के साथ चैट और क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन का रिकॉर्ड भी मिला है। ये आरोपित ठगी का पैसा खातों में आते ही उसे 20 मिनट के अंदर निकाल लेते थे। फिर उस रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदल देते थे ताकि पुलिस के पास उसका कोई रिकॉर्ड न हो। महेंद्र सिंह ने क्रिप्टोकरेंसी को चीनी ठगों को भेजने के लिए अपने एक साथी सर्वेश की मदद ली।

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