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The Haryana Story | 30 जून को रिटायर होने वाले हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को केंद्र सरकार ने दिया एक साल का एक्सटेंशन, आखिर क्या है वजह

30 जून को रिटायर होने वाले हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को केंद्र सरकार ने दिया एक साल का एक्सटेंशन, आखिर क्या है वजह

उन्हें इसी साल 30 जून को रिटायर होना था, पीएम मोदी और अमित शाह की समिति ने हरियाणा सरकार की सिफारिश के मद्देनजर मुख्य सचिव को यह मंजूरी दी

हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी

हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिन्हें एक्सटेंशन मिलना तय माना जा रहा था, को केंद्र सरकार ने एक साल का एक्सटेंशन दे दिया है। उन्हें इसी साल 30 जून को रिटायर होना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की समिति ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार की सिफारिश के मद्देनजर मुख्य सचिव को यह मंजूरी दी है। माना जाता है कि साफ-सुथरी छवि के अलावा अनुराग रस्तोगी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की गुड बुक में थे, जिसके चलते उन्हें एक्सटेंशन दिया गया है। केंद्र सरकार ने इस बारे में राज्य सरकार को आदेश जारी कर दिया है। इससे पहले हरियाणा सरकार ने रस्तोगी को एक्सटेंशन देने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी।

अनुराग रस्तोगी 1990 बैच के आईएएस अधिकारी

मूल रूप से उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुरादाबाद के रहने वाले अनुराग रस्तोगी 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अब तक निभाई गई जिम्मेदारियां प्रकार, जाखू से पहले मुख्य सचिव एससी चौधरी, जो 30 अप्रैल 2014 को सेवानिवृत्त होने वाली थीं, को भी तत्कालीन लोकसभा आम चुनाव के कारण 31 जुलाई 2014 तक अपने पद पर बने रहने की अनुमति दी गई थी। एक्सटेंशन देने का अधिकार केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के पास इससे पहले हिमाचल प्रदेश और ओडिशा के मुख्य सचिवों की तर्ज पर हरियाणा के मुख्य सचिव रस्तोगी को भी सेवा विस्तार मिलने के कयास लगाए जा रहे थे। केंद्र से मिले एक साल के सेवा विस्तार के बाद अब अनुराग रस्तोगी 30 जून 2026 तक मुख्य सचिव बने रहेंगे। 

हरियाणा में पहली बार 1996 में मुख्य सचिव एमसी गुप्ता को छह माह का सेवा विस्तार दिया गया था

गौरतलब है कि वर्ष 1996 में हरियाणा में पहली बार तत्कालीन बंसीलाल सरकार के दौरान राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव एमसी गुप्ता को अगस्त 1996 से जनवरी 1997 तक छह माह का सेवा विस्तार दिया गया था। उसके बाद वर्ष 2013 में भूपेंद्र हुड्डा सरकार में तत्कालीन मुख्य सचिव पीके चौधरी को जुलाई 2013 से दिसंबर 2013 तक इसी तरह छह माह का सेवा विस्तार दिया गया था। हुड्डा सरकार के दौरान ही वर्ष 2014 में प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव शकुंतला जाखू, जो 30 सितंबर 2014 को सेवानिवृत्त होने वाली थी, को तत्कालीन 13वीं हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के कारण 30 नवंबर 2014 तक दो माह और अपने पद पर बने रहने की अनुमति दी गई थी। 

ऐसा केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता

इसी ऐसे मामलों के जानकारों ने इस विषय पर बताया कि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, आईएएस/ आईपीएस/ आईएफएस जैसे अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद यानी 60 वर्ष की आयु के बाद सेवा में विस्तार देने का अधिकार केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के पास है, जिसमें वर्तमान में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल है। ऐसे अधिकारियों को सेवानिवृत्ति की आयु के बाद वर्ष 1958 की सेवानिवृत्ति नियमावली के नियम 16(1) में उक्त समिति द्वारा ही सेवा विस्तार दिया जा सकता है, लेकिन ऐसा केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है। 

दौड़ में सुधीर राजपाल सबसे वरिष्ठ

राज्य में मुख्य सचिव बनने की दौड़ में सुधीर राजपाल सबसे वरिष्ठ थे, जबकि उनके बाद गृह में अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल रही डॉ. सुमिता मिश्रा का नाम था। वरिष्ठता को ध्यान में रखने के बजाय हरियाणा सरकार ने रस्तोगी को मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया। करीब 7 माह पहले जब वरिष्ठता का मुद्दा उठा तो कहा गया कि सुधीर और सुमिता कैडर से बाहर के हैं, जिससे राज्य की नौकरशाही में बवाल मच गया। गौरतलब है कि मुख्य सचिव पद के लिए तीन आईएएस अधिकारियों के नाम कतार में थे, लेकिन सरकार ने रस्तोगी को ही मुख्य सचिव बनाए रखने का फैसला किया है। तीनों आईएएस अधिकारियों में सबसे वरिष्ठ 1990 बैच के आईएएस अधिकारी आनंद मोहन है, जो वन्य जीव एवं प्राणी संरक्षण तथा पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव है। उनकी सेवानिवृत्ति इसी साल 31 अगस्त को होनी है।

आनंद मोहन शरण के अलावा सुधीर राजपाल और डॉ. सुमिता मिश्रा भी दावेदारों में शामिल थे

आनंद मोहन शरण के अलावा 1990 बैच के आईएएस अधिकारी सुधीर राजपाल और डॉ. सुमिता मिश्रा भी दावेदारों में शामिल थे। स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल 30 नवंबर 2026 को सेवानिवृत्त होंगे। अनुराग रस्तोगी को एक साल का सेवा विस्तार मिलने से सुधीर राजपाल के मुख्य सचिव बनने की संभावनाओं पर असर पड़ा है। अगर सरकार अगले साल रस्तोगी की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें मौका देती है, तो वे बहुत कम समय के लिए ही मुख्य सचिव बन पाएंगे। वहीं, 1990 बैच की आईएएस अधिकारी डॉ. सुमिता मिश्रा 31 जनवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगी। 

अब तक ये जिम्मेदारियां निभाई 

  • वे 1992-93 में नारनौल और1993-94 में नरवाना के उपमंडल अधिकारी रहे। सके अलावा, वे 1994-97 में कैथल के अतिरिक्त डीसी और डीआरडीए के सीईओ के पद पर तैनात रहे। 1996 में उन्हें रोहतक के डीसी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। 1997-98 में उन्होंने पंचकूला के डीसी और डीआरडीए के सीईओ का अतिरिक्त कार्यभार संभाला और पंचकूला के डीसी का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला। 1998-99 में उन्हें पानीपत का डीसी नियुक्त किया गया। इसके अलावा, उन्होंने 1999-2000 में हरियाणा सरकार में वित्त विभाग के संयुक्त सचिव के रूप में काम किया।
  • हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव एवं 1990 बैच के आईएएस प्रबोध सक्सेना, जिनकी सेवानिवृत्ति 31 मार्च 2025 निर्धारित थी, को 1 अप्रैल 2025 से छह माह का सेवा विस्तार दिया गया। इसी प्रकार 1990 बैच के आईएएस एवं ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा, जिनकी सेवानिवृत्ति 31 दिसंबर 2024 को निर्धारित थी, को 1 जनवरी 2025 से एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया।
  • 2000-02 में वे हिसार, 2002 04 में गुरुग्राम और 2004-05 में पानीपत के डीसी बने। उन्हें 2005 में हरियाणा विकास एवं पंचायत विभाग का निदेशक और सरकार में संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया। 2007-09 में वे हरियाणा माध्यमिक शिक्षा के निदेशक और सरकार के विशेष सचिव बने। 2009 12 में उन्होंने हरियाणा के आबकारी एवं कराधान आयुक्त का कार्यभार संभाला। 2012-15 में वे नगर-नियोजन एवं शहरी संपदा हरियाणा के महानिदेशक बने।
  • इसके अलावा उन्हें हरियाणा सरकार में प्रधान सचिव का अतिरिक्त कार्यभार भी दिया गया। 2016-20 में उन्होंने हरियाणा सरकार में विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव का कार्यभार संभाला। 2021-24 में उन्हें सरकार के विभिन्न विभागों में अतिरिक्त मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार मिला। 2024 में उन्होंने मुख्य सचिव के साथ-साथ सामान्य प्रशासन, मानव संसाधन, संसदीय मामले आदि का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला। अब उन्हें 2025 बतौर सीएस एक साल का एक्सटेंशन मिला है। 
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