
हरियाणा में कोविड-19 के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, पंचकूला, अंबाला और करनाल जैसे कई जिलों में नए मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अनुसार, विशेष रूप से गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोविड-19 के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 447 हो गई है। यह घटनाक्रम स्कूलों के फिर से खुलने से पहले हुआ है, जिससे स्वास्थ्य अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं।
हरियाणा में अब तक कोविड से कोई मौत नहीं हुई
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी प्रयासों को तेज करते हुए पूरे राज्य में 436 नमूनों का परीक्षण किया। कुल 86 सक्रिय मामलों में से शनिवार तक 16 मरीज ठीक हो गए। यह कुछ हद तक राहत देने वाली बात है कि बढ़ती संख्या के बावजूद, हरियाणा में अब तक कोविड से कोई मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और प्रसार को रोकने के लिए परीक्षण प्रोटोकॉल का विस्तार किया है। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के 18 जिलों में कोरोना के मामले सामने आए हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है।
गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 188 मामले पॉजिटिव पाए गए
ताजा कोरोना मामलों वाले जिलों की सूची में गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, पंचकूला, हिसार, झज्जर, सोनीपत, अंबाला, रेवाड़ी, पानीपत, भिवानी, सिरसा, कैथल, चरखी दादरी, पलवल, जींद, पंचकूला और यमुनानगर शामिल हैं। गौरतलब है कि गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 188 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि फरीदाबाद में 134 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। इन दोनों जिलों के बाद कोरोना के बढ़ते मामलों में पंचकूला और करनाल सबसे आगे हैं, जहां अब तक क्रमश: 33 और 31 मरीज सामने आ चुके हैं। उपरोक्त के अलावा झज्जर में 16 मामलों की पुष्टि हुई है। इसी तरह यमुनानगर में कुल 9 मामले सामने आए, जबकि हिसार और रोहतक में क्रमश: 6 और 5 मामले सामने आए।
सोनीपत में 2-2 कुल 4 मामले सामने आए
इसी तरह भिवानी, सिरसा और पानीपत में 4-4 कुल 12 मामले सामने आए हैं। इसी तरह अंबाला और रेवाड़ी में 3-3 कुल 6 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा चरखी दादरी और सोनीपत में 2-2 कुल 4 मामले सामने आए हैं। कैथल, पलवल और जींद में 3-3 मामले सामने आए हैं। नए संक्रमितों में से कुछ मरीजों का अब तक विदेश यात्रा का इतिहास रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वेरिएंट का पता जितनी देर से चलेगा, उसका इलाज उतना ही मुश्किल होगा और मरीज की जान को उतना ही खतरा होगा। इसके मद्देनजर यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि अब तक इस बीमारी से पीड़ित पाए गए ज्यादातर मरीजों का कोई विदेश यात्रा इतिहास नहीं रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अलर्ट कर दिया
इसका मतलब है कि कोरोना देश में ही है इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अलर्ट कर दिया है और एडवाइजरी जारी की है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले आई कोरोना लहरों के दौरान हरियाणा में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले गुरुग्राम और फरीदाबाद में सामने आए थे। अगस्त 2024 तक के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार गुरुग्राम में 311695 मरीज सामने आए थे, जिनमें से 1037 की मौत हो गई, जबकि फरीदाबाद में कुल 138278 मरीज सामने आए, जिनमें से 741 की मौत हो गई। हरियाणा में उक्त अवधि तक कुल 1,079,187 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 10,786 मरीज थे, जबकि प्रवासियों की अलग से मौतों की संख्या लगभग 3,500 थी।
स्वास्थ्य अधिकारी कई भारतीय राज्यों में कोविड-19 के मामलों में हालिया उछाल की निगरानी कर रहे
उपरोक्त के संदर्भ में उल्लेखनीय है कि इससे पहले आई कोरोना लहरों के दौरान हरियाणा में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले गुरुग्राम और फरीदाबाद में सामने आए थे। अगस्त 2024 तक के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार गुरुग्राम में 311695 मरीज सामने आए थे, जिनमें से 1037 की मौत हो गई, जबकि फरीदाबाद में कुल 138278 मरीज सामने आए, जिनमें से 741 की मौत हो गई। हरियाणा में उक्त अवधि तक कुल 1,079,187 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 10,786 मरीज थे, जबकि प्रवासियों के लिए अलग से मौतों की संख्या लगभग 3,500 थी। विशेष रूप से, एशिया के कुछ हिस्सों में क्षेत्रीय पुनरुत्थान के बीच, स्वास्थ्य अधिकारी कई भारतीय राज्यों में कोविड-19 के मामलों में हालिया उछाल की निगरानी कर रहे हैं।
राष्ट्रीय मामले पिछली लहरों की तुलना में कम
हालांकि राष्ट्रीय मामले पिछली लहरों की तुलना में कम हैं, लेकिन मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में संक्रमण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पिछली कोरोना लहर के दौरान, हिसार के बाद गुरुग्राम और फरीदाबाद में बीमारी से सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं। हिसार में 1189, गुरुग्राम में 1037, फरीदाबाद में 741, अंबाला में 679, भिवानी में 668 और करनाल में 604 मरीजों की कोरोना से मौत हुई थी। उपरोक्त जिलों के अलावा पंचकूला में 542, पानीपत में 551, सिरसा में 555, जींद में 545 तथा फतेहाबाद में 502 मरीजों की मौत इस बीमारी के कारण हुई। जबकि यमुनानगर में 459, करनाल में 425, झज्जर में 362, कैथल में 378, सोनीपत में 277 तथा 225 मरीजों की मौत इस बीमारी के कारण हुई। अन्य सभी जिलों में मौतों का आंकड़ा 200 से कम रहा।
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