
कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने अपने विधानसभा के विकास कार्यों के लिए मंज़ूर धनराशि जारी न होने पर विरोध करते हुए 17 जनवरी को सामान्य वस्त्रों का त्याग कर सफ़ेद वस्त्रों को अपनाया जिन पर जय सियाराम, तुलसीदास की चौपाई और उनके निर्वाचन क्षेत्र से सम्बंधित मुद्दों के बारे में लिखा हुआ है। सरकार द्वारा उनके क्षेत्र में 27 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए पैसे न मिलने पर उन्होंने विरोध में यह पोशाक धारण की थी। नीरज शर्मा ने इस पोशाक को पहन कर विधानसभा सत्र में भाग लेने का इरादा व्यक्त किया जिसके कारण विवाद पैदा हो रहे हैं।
स्पीकर अनुमति देने से कर रहे इनकार
विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इस वेशभूषा में विधायक को विधानसभा में प्रवेश करने की अनुमति देने से इनकार किया है। स्पीकर ने उनकी इस पोशाक को लेकर कहा कि वह ऐसी पोशाक को मंज़ूरी देकर विधानसभा की मर्यादा का उल्लंघन नहीं कर सकते। जबकि विधायक का कहना है कि उनकी वेशभूषा बिलकुल भी असंसदीय नहीं है इसलिए विधानसभा स्पीकर उन्हें विधानसभा में प्रवेश करने से नहीं रोक सकते।
पहले भी विरोध का सामना करना पड़ा
नीरज शर्मा को पहले भी अपनी पोशाक को लेकर विरोध का सामना करना पड़ा था। पानीपत में हो रहे 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने से पुलिस ने उनको रोक दिया था। पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी ले लिया था किंतु बाद मे कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनको रिहा करा दिया था।
मार्च 2022 में सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार मिला
नीरज शर्मा को 2022 मार्च में सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार दिया गया था। उन्होंने इस पुरस्कार को अपने स्वर्गीय पिता और पूर्व मंत्री पंडित शिव चरण लाल शर्मा को समर्पित किया था। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद उन्होंने पुरस्कार की राशि, शॉल और प्रशस्ति पत्र दर्शकों में उपस्थित एडवोकेट कन्हैया लाल वशिष्ठ और तुलाराम शास्त्री को देकर उनका आशीर्वाद लिया था। विधानसभा स्पीकर का कहना है कि अगर विधानसभा में विधायक अपनी ज़िद पर अड़े रहे तो विधानसभा की ओर से पुरस्कार को वापस ले लिया जाएगा।
विधानसभा स्पीकर को लिखा पत्र
20 फ़रवरी से शुरु होने वाले बजट सत्र मे नीरज शर्मा को कोई समस्या न झेलनी पड़े इसके लिए उन्होंने विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखते हुए अपने अलग तरीक़े के वस्त्रों को धारण करने का उद्देश्य बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने कपड़ों पर कोई भी असंसदीय भाषा का उपयोग नहीं किया है । उनके कपड़ों पर केवल भगवान श्री राम, तुलसीदास की चौपाइयाँ, स्वास्तिक और उनके क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं का विवरण है। उन्होंने न तो काले कपड़े धारण किए हैं, न ही उनके कपड़ों पर काले रंग का कोई निशान है। उन्होंने अपने पत्र में श्रीमान स्पीकर के साथ सात फ़रवरी को मिलने की माँग की है। उनका कहना है कि स्पीकर एक विशेषज्ञों की कमेटी को बुला ले और उनकी वेशभूषा पर चर्चा कर लें। इन सब बातों के चलते विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा है कि वे नियमों के खिलाफ़ नहीं जाएंगे और विधायक नीरज शर्मा को सभा की शांति भंग नहीं करने देंगे।
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