
हरियाणा के रेवाड़ी ज़िले के माजरा गाँव में देश का 22वां एम्स (AIIMS) बनाने जा रहा है।16 फ़रवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी नींव रखेंगे। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले ये एक अहम क़दम होगा। एम्स क़रीब 750 बिस्तरों का अस्पताल होगा। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के चलते हरियाणा को केंद्र सरकार की तरफ़ से ये सौग़ात मिली है।
हरियाणा से प्रधानमंत्री का चुनावी प्रचार शुरू होगा। प्रधानमंत्री मोदी का दौरा फ़ाइनल होते ही भाजपा ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री के आने से पहले मुख्यमंत्री एक बार रेवाड़ी ज़िले का दौरा करेंगे। 25 जनकारी को केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह माजरा गाँव में बनने वाले एम्स की साइट का अवलोकन करने पहुँचे थे। उन्होंने एम्स के लिए ज़मीन देने वाले किसानों से भी मुलाक़ात की थी।
2019 में केंद्र ने दिया था एम्स का तोहफ़ा
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र ने अंतिम बजट में हरियाणा को एम्स का तोहफ़ा दिया था। किंतु ज़मीन और टेंडर से जुड़े विवादों के कारण इस पर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया। एम्स को बनाने के लिए पहले गाँव मनेठी की जगह मंज़ूर हुई थी। किंतु पर्यावरण विभाग ने इस पर आपत्ति दिखाई और इस को रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद माजरा गाँव की पंचायत ने ज़मीन की पेशकश की।
210 एकड़ ज़मीन मिल चुकी है
एम्स बनाने के लिए सरकार ने माजरा गाँव में पंचायती तथा ग्रामीणों की ज़मीन का अधिग्रहण कर दिया है। ज़मीन फ़ाइनल होने के बाद कई महीनों तक यह मामला टेंडर के चलते अटका रहा। 28 दिसम्बर को एम्स का टेंडर फ़ाइनल हुआ यह टेंडर एल एंड टी कंपनी को दिया गया है। 22 महीनों के अंदर निर्माण कंपनी को काम पूरा करना होगा।
2015 में मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
रेवाड़ी के बवाल में जुलाई 2015 में एक रैली के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने गाँव में एम्स बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए मनेठी गाँव की तरफ़ 210 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन भी प्रदान कर दी गई थी। किन्तु कई सालों तक घोषणा फाइलों में ही अटकी रही। मनेठी गाँव के ग्रामीणों ने एम्स बनवाने के लिए काफ़ी समय तक संघर्ष किया। किन्तु इस मामले में वन सलाहकार समिति की तरफ़ से मनेठी की ज़मीन को वन क्षेत्र में बताते हुए आपत्ति जतायी गई। उसके बाद 2019 में केंद्र की तरफ़ से इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी गई। इसलिए अब ये साथी गाँव माजरा में बनने जा रहा है।
खुलेंगे रोज़गार के नए रास्ते
ऐसा माना जा रहा है कि एम्स के बनने के बाद रेवाड़ी के अलावा साथी ज़िलों जैसे महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक, झज्जर, मेवात, पलवल और फ़रीदाबाद समेत राजस्थान के अलवर के लोगों को रोज़गार मिलेगा और इस प्रोजेक्ट का फ़ायदा होगा। एम्स में प्रत्यक्ष रूप से क़रीब 3 हज़ार और अप्रत्यक्ष रूप से 10, हज़ार लोगों को रोज़गार के अवसर मिल सकते हैं।
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