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The Haryana Story | केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को हो गई तैयार, किसानों के जवाब का इंतजार

केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को हो गई तैयार, किसानों के जवाब का इंतजार

सकारात्मक रही किसानों और केंद्र के बीच चौथे दौर की बैठक

प्रतीकात्मक तस्वीर

रविवार को एक तरफ जहां किसान आंदोलन का छठा दिन था, वहीं किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच होने वाली चौथे दौर की वार्ता को लेकर भी ये दिन सबके लिए काफी अहम था। पूरे देश की निगाहें किसानों और केंद्र की इस चौथे दौर की बैठक पर टिकी हुई थी। लिहाजा कल रात केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की बैठक करीब 5 घंटे तक चली। केंद्र की ओर से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद व किसानों की ओर से सरवन सिंह पंधेर, डडेवाल सहित 14 किसान नेता मौजूद रहे। यह बैठक रात करीब 8:30 बजे शुरू हुई थी। बता दे कि केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को मुलाकात हुई, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही थी। 

5 साल का करार करना होगा

उल्लेखनीय है कि रविवार को चौथे दौर की बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से 5 साल का करार करना होगा। 

प्रधानमंत्री को है किसानों की चिंता : पीयूष गोयल

बैठक उपरांत केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि चौथे दौर की बातचीत बेहद सकारात्मक रही। सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई है। केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात करके ही अंतिम फैसला बताएंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों की चिंता है। किसान संगठनों से काफी अच्छे माहौल में बातचीत हुई और हमने नए विचारों पर चर्चा की, जो किसानों के हित में हैं। 

प्रतिनिधियों ने दिए सकारात्मक सुझाव

 किसान संघ के प्रतिनिधियों ने कुछ सकारात्मक सुझाव दिए हैं। जिससे देश भर के किसानों को फायदा होगा। साथ ही इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था को भी होगा। पीयूष गोयल ने आगे कहा कि सरकार ने सहकारी समितियों एनसीसीएफ (नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) और नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ) को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा एमएसपी पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया गया है।

अपने निर्णय के बारे में कल तक सूचित करेंगे

किसान उन्होंने बताया कि किसान नेता सरकार के प्रस्तावों पर अपने निर्णय के बारे में कल तक सूचित करेंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि हमने सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को एमएसपी पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है।’’ पीयूष गोयल ने कहा कि हमने प्रस्ताव दिया है कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) एमएसपी पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करेगा। 

फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी : भगवंत मान 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी है, बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे। हम केंद्र के प्रस्ताव पर किसान संगठनों के जवाब का इंतजार करेंगे। केंद्र सरकार ने किसानों के सामने धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया। इसके लिए किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से 5 साल का करार करना होगा। 

एक और किसान की मौत

वहीं कुछ दिन पहले जहां अंबाला के शंभू बॉर्डर पर एक पंजाब गुरदासपुर के किसान (63) का निधन हो गया था, वहीं कल यानि रविवार को एक और किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर बैठे कांगथला (पटियाला) के किसान मंजीत सिंह को सिविल अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

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