
हरियाणा में भाजपा के हिसार लोकसभा से उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला अपनी ही पार्टी के दिग्गजों की बेरुखीका सामना करना पड़ सकता है। राजनीतिक गलियारों में हो रही सुगबुगाहट के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अभिमन्यु भाजपा को जल्द एक बड़ा झटका दे सकते हैं। ऐसे में हिसार लोकसभा में भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। माना जा रहा है कि उन्हें हिसार लोकसभा चुनाव में न तो कुलदीप बिश्नोई का सहयोग मिलने की उम्मीद है और न ही कैप्टन अभिमन्यु का।
गौरतलब है कि हिसार लोकसभा सीट पर कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अभिमन्यु दोनों ही इस इलाके के बड़े नेता माने जाते है। प्रदेश स्तर से लेकर केंद्र तक दोनों ही नेता बड़े पदों पर अपनी छाप छोड़ चुके हैं। बता दें कि जहां वीरवार को हिसार में रणजीत सिंह चौटाला के लोकसभा कार्यालय का उद्घाटन हुआ। इस दौरान स्वयं प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। इस दौरान दोनों नेताओं की मौजूदगी नदारद रही।
कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से नाराज दिख रहे हैं
बता दें कि कैप्टन अभिमन्यु नारनौंद विधानसभा सीट से चुनाव जीते और प्रदेश की मनोहर सरकार में वर्ष 2014 और 2019 के बीच में वित्त मंत्री रह चुके हैं, लेकिन वह वर्ष 2019 का चुनाव हार गए। वहीं भाजपा की तरफ से इशारा मिलने के बाद कैप्टन अभिमन्यु इस बार मानकर चल रहे थे कि उनको हिसार लोकसभा सीट पर टिकट दिया जा सकता है, लेकिन पार्टी इस बात को नहीं मानी। बड़ी बात यह है कि खास तौर से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनका विरोध किया और टिकट नहीं मिलने दिया। जिससे कैप्टन अभिमन्यु भाजपा से नाराज दिख रहे हैं।
बिश्नोई समाज के बड़े नेता में होती है कुलदीप की गिनती
उधर यही कहानी कुलदीप बिश्नोई की भी है। वह भी हिसार लोकसभा सीट पर टिकट के दावेदार माने जा रहे थे, जहां पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई का हिसार लोकसभा में खुद का बहुत बड़ा अपना जनाधार है। वहीं उनकी गिनती बिश्नोई समाज के बड़े नेता में होती है। हिसार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, हारते और जीतते रहे हैं। इलाके में कुलदीप बिश्नोई गैर जाट नेता माने जाते हैं। वहीं एक और नेता जो लोकसभा उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, वह प्रोफेसर छत्रपाल हैं। पूर्व विधायक प्रोफेसर छत्रपाल भी टिकट के दावेदारों में थे, लेकिन टिकट नहीं मिला तो नाराज हो गए। बता दें कि प्रोफेसर छत्रपाल एक बार हरियाणा की राजनीति के दिग्गज नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल को विधानसभा चुनाव में शिकस्त दे चुके हैं। यह बात वर्ष 1991 के विधानसभा चुनाव की है।
भाजपा के लिए हिसार सीट बड़े संघर्ष में फंस सकती है
बता दें कि जहां कैप्टन अभिमन्यु का नारनौंद में ठीक-ठाक प्रभाव है, यह प्रभाव जाट समाज में है, जहां इसका ज्यादा असर भाजपा को नहीं पड़ने वाला, लेकिन कुलदीप बिश्नोई अपने समाज को भाजपा से दूर कर सकते हैं। बिश्नोई समाज कुलदीप बिश्नोई को टिकट न देने पर फिलहाल भाजपा से नाराज हो चुका हैं। बताया जाता है कि बिश्नोई समाज के प्रदेश में और खासतौर से हिसार लोकसभा सीट के आदमपुर हलके में 40 से 50000 वोट हैं। जिससे रणजीत सिंह चौटाला को इसका नुकसान हो सकता है। वहीं ऐसा भी सुनने में आ रहा है कि कुलदीप बिश्नोई वापस कांग्रेस का रुख कर सकते हैं। कुलदीप बिश्नोई पहले भी भाजपा में कांग्रेस से ही आए थे। उनके पिता भजनलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस के बड़े नेता भी रहे हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई को टिकट दे दिया तो भाजपा के लिए हिसार सीट बड़े संघर्ष में फंस सकती है।
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