
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अविवाहित पेंशन योजना पर दिए गए विवादित बयान से एक बार फिर से राजनीतिक घमासान मच गया है। साथ ही, रैली के दौरान किसान नेताओं को हिरासत में लेने की पुलिस कार्रवाई ने भी तूल पकड़ लिया है।
खट्टर बुधवार को हिसार के नलवा हल्के के कैमरी गांव में विजय संकल्प रैली में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनकी शादी नहीं होती और इसलिए उनकी उम्र बढ़ जाती है, इसलिए 45 साल की उम्र में अविवाहितों के लिए पेंशन शुरू की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पेंशन योजना उनके लिए नहीं बनाई गई, बल्कि अविवाहितों के सम्मान के लिए लाई गई है।
इसके साथ ही, रैली में मौजूद किसान नेताओं ने खट्टर से सवाल पूछने के लिए रैली स्थल के पास पहुंचे, लेकिन पुलिस ने 18-20 किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। किसान नेता राजीव मलिक ने बताया कि वह रैली में सवालों के जवाब लेने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस ने राजीव मलिक, शमशेर नंबरदार, दिलबाग हुड़ा, सोमबीर पिलानिया, शमशेर भेरिया, सूबे बूरा, रमेश मिर्का, अमर सिंह, विजय जागलान, दिलबाग अहलावत समेत अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया है।
खट्टर ने कहा कि गांवों में कुछ ऐसे अविवाहित लोग हैं, जिनका कोई सम्मान नहीं है और उन्हें पेंशन का भी हकदार बनाया गया है, ताकि पेंशन मिलने पर उनका भी सम्मान हो सके। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति 40 वर्ष के बाद विधुर हो जाता है, तो उसके लिए भी 3 हजार रुपये की पेंशन शुरू की गई है।
वहीं, खट्टर के इन बयानों पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है और उनसे माफी मांगने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि खट्टर के बयान से अविवाहित और विधुर लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और उनका सम्मान गिरा है। इस घटनाक्रम से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है और अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
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