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हरियाणा के प्रसिद्ध सारंगी वादक मामन खान (90) का बुधवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। गुरुवार को बैंड-बाजे के साथ उनका जनाजा निकाला गया, जिसमें हरियाणा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। मामन खान का जन्म हिसार जिले के खरक पूनिया गांव में हुआ था। वह एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज हिसार के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। उनके परिवार में एक बेटा, 5 पोते और प्रपौत्र हैं। उनका बेटा भी सारंगी वादक है।
मामन खान को हरियाणा सरकार द्वारा सरस्वती सम्मान और कला रत्न से सम्मानित किया गया था। वह लोक संपर्क विभाग में कार्यरत थे और सेवानिवृत्त होने के बाद लगभग 13,000 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे थे। उन्होंने सारंगी वादन में 20 से अधिक देशों में भारत का नाम रोशन किया था। मामन खान की मृत्यु से पहले उनके भतीजे मनदीप से कहा, "एक अच्छा कलाकार बनने से पहले, एक अच्छा इंसान बनना बेहद जरूरी है।" यह उनके अंतिम शब्द थे, जिन्होंने उनके व्यक्तित्व और कला के बीच गहरा संबंध को दर्शाया।
मामन खान का जन्म हिसार के एक गांव में हुआ था और उनके पितामह और 7 पीढ़ियाँ जींद राजा के दरबार में सारंगी वादक रहे थे। इस प्रकार, संगीत उनके परिवार का अभिन्न अंग रहा है। उनका निधन हरियाणा के लिए एक बड़ी क्षति है और वह एक ऐसे महान कलाकार थे, जिन्होंने देश और विदेश में अपने प्रदर्शन से भारत का नाम रोशन किया।
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