हरियाणा के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने महेंद्रगढ़ जिले में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण स्कूल बस दुर्घटना के बाद शीर्ष शिक्षा अधिकारियों की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। कल होने वाली इस बैठक में राज्य की "सुरक्षित स्कूल वाहन नीति" के कार्यान्वयन की समीक्षा की जाएगी ताकि स्कूली बच्चों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके।
वर्ष 2014 में परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई इस नीति में स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए कई प्रावधान हैं। इसके तहत राज्य, जिला और उप-जिला स्तर पर तीन समितियों का गठन किया गया है। राज्य स्तरीय समिति का नेतृत्व शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव करते हैं, जबकि जिला स्तरीय समितियों का नेतृत्व संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा किया जाता है। हालांकि, आज की दुर्घटना के बाद चिंताएं उठी हैं, जिसके चलते राज्य ने इन सुरक्षा मानकों के कार्यान्वयन पर तत्काल ध्यान देने का फैसला किया है।
हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल ने गुरुवार को कई निजी स्कूलों का निरीक्षण किया और चार स्कूलों को गैर-छुट्टी दिवस होने के बावजूद चालू पाए जाने पर नोटिस जारी किए। इस घटना से स्पष्ट होता है कि स्कूल परिवहन के क्षेत्र में सुरक्षा मानकों के कड़े प्रवर्तन की आवश्यकता है। निजी स्कूलों में भी चलते-फिरते स्कूल बसों का नियमित निरीक्षण नहीं किया जा रहा, जैसा कि "सुरक्षित स्कूल वाहन नीति" के तहत अनिवार्य है।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा चार स्कूलों को नोटिस जारी करके उनके गैर-कानूनी संचालन पर कार्रवाई करना, इस ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। स्कूल परिवहन प्रणाली में सुरक्षा और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए ऐसी कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। आपातकालीन बैठक में शिक्षा अधिकारियों से सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के कार्यान्वयन में खामियों की पहचान कर उन्हें दूर करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। इसका लक्ष्य भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकना और राज्य भर में स्कूली बच्चों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है।
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