रोहतक में जयहिंद सेना के प्रमुख नवीन जयहिंद का एक बयान चर्चा में है। उन्होंने चुनाव को लेकर कुछ ऐसे विवादित बयान दिए हैं, जिन्हें लेकर उनकी जमकर आलोचना भी हो रही है। नवीन जयहिंद ने कहा है कि चुनाव में कोई भी शराब ना ले, बल्कि नकद ले लेना चाहिए क्योंकि चुनाव में मिलने वाली शराब नकली होती है। नवीन जयहिंद ने कहा, "चुनाव में कोई भी शराब ना लें, चाहे नकद ले लें। महंगी बोलत में सस्ती शराब मिलती है। शराब की बजाय घी ले लें, वो भी देशी। अगर शराब लेनी है तो खुद ही लेकर आएं। इस सीजन में शराब ना पिएं, नकद ले लेना। इसमें कोई दिक्कत नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि जाति व धर्म के आधार पर वोट ना डालें। साथ ही वोटरों से आह्वान किया कि वे शराब ना पीएं क्योंकि चुनाव में नकली शराब मिलती है।
नेताओं को माला नहीं पहनाएंगे, पूछेंगे सवाल
नवीन जयहिंद ने कहा कि दो माला रखी रहेगी, एक फूलों की और दूसरी जूतों की। नेताओं को माला नहीं पहनाएंगे, बल्कि उनसे सवाल पूछेंगे। उन्होंने कहा कि "पक्ष व विपक्ष वालों के लिए सवाल तैयार हैं। किसी भी नेता ने प्रचार के दौरान एसवाईएल पर किसी भी नेता नहीं बोला है। साथ ही उन्हीं से पूछेंगे कि आपको क्या लगता है, कि जनता के लिए काम किया तो फूलों की माला और आवाज नहीं उठाई तो जूतों की माला पहन लेंगे।" उन्होंने जनता से भी आह्वान किया कि नेताओं को माला डालने से पहले अपने दादा-दादी व माता-पिता को माला डालें।
भाजपा और कांग्रेस को घेरा
नवीन जयहिंद ने भाजपा द्वारा उम्मीदवार घोषित नहीं करने के सवाल पर कहा कि वे लगातार भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ बोलते आए हैं। इसलिए ये पार्टियों उन्हें क्यों टिकट देंगी। उन्होंने कहा कि रोडवेज की टिकट के भी पैसे लगते हैं और उनके पास पैसे हैं ही नहीं। मेरे को जो पैसों की मदद करता है, वह इसलिए देता है कि लोगों की लड़ाई लड़ी जा सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जनता नेताओं से पूछें कि अगर वे जीत गए तो कहां पर मिलेंगे क्योंकि सभी दिल्ली जा बैठते हैं।
19 मई को भगवान परशुराम की जयंती गांव पहरावर में मनाने का भी फैसला लिया गया है। नवीन जयहिंद ने कहा कि कोई भी नेता सड़क पर नहीं उतरा और जनता की आवाज उठाने के लिए वे जेल गए हैं। नवीन जयहिंद का यह विवादित बयान एक बार फिर से उनकी आलोचना का कारण बना है। लोग उनके द्वारा दिए गए इन बयानों से काफी नाराज हैं और उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनके इस अंदाज से लग रहा है कि वह चुनाव प्रक्रिया को अपने तरीके से प्रभावित करना चाहते हैं। हालांकि, क्या उनका यह अंदाज कामयाब होगा, यह देखना होगा।
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