
राजनीति में डेरों की भूमिका और उनके राजनीतिक झुकाव को लेकर हमेशा चर्चा होती रही है। हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के भी राजनीतिक प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही सूत्रों के मुताबिक डेरा प्रबंधन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन देने का फैसला लिया है।
चुनाव प्रचार के समापन के बाद डेरा प्रबंधन ने अपनी कमेटियों को सक्रिय कर दिया है। डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत ने एक 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का काम डेरा समर्थकों को भाजपा का समर्थन करने का संदेश देना है। कमेटी के सदस्य ब्लॉक और वार्ड स्तर पर डोर-टू-डोर जाकर भक्तों को इसके बारे में बता रहे हैं।
हालांकि डेरा प्रबंधन का आधिकारिक रुख यह है कि वे किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं और उनकी राजनीतिक शाखा भी बंद हो चुकी है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सिरसा में लगभग 300 और हिसार में 200 लोगों की टीम बनाकर डेरा का मैसेज श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जा रहा है।
हरियाणा की कुल 10 लोकसभा सीटों में से 8 सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव माना जाता है। ये सीटें हैं - सिरसा, हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला। हरियाणा की इन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर प्रत्याशित है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां पर हार-जीत का अंतर कम रह सकता है। इसलिए अगर डेरा सच्चा सौदा भाजपा का खुलकर समर्थन करता है तो भाजपा को इन सीटों पर फायदा मिल सकता है।
डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम फिलहाल जेल में बंद हैं। उन्हें बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया है। राम रहीम की गैरमौजूदगी में डेरे की कमान उनकी बेटी हनीप्रीत के हाथों में है। हनीप्रीत ही इस बार डेरे के राजनीतिक फैसले ले रही हैं।
हाल ही में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम को लगातार पैरोल दिए जाने पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने सरकार से कहा था कि अगर राम रहीम को फिर पैरोल देनी है तो इसके लिए अदालत से अनुमति लेनी होगी। राम रहीम ने भी अदालत में याचिका दायर की थी कि उन्हें नियमों के मुताबिक 41 दिन की पैरोल मिलनी चाहिए। इस पर अभी कोई फैसला नहीं आया है।
इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी डेरा सच्चा सौदा ने भाजपा का समर्थन किया था। इसका भाजपा-अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला था। 2019 के चुनाव में भी बाबा राम रहीम के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरे के संपर्क में रहे थे और उन्हें इसका फायदा मिला था।
ऐसे में इस बार भी यदि डेरा भाजपा का खुलकर समर्थन करता है तो हरियाणा की कई सीटों पर भाजपा को फायदा मिल सकता है। हालांकि डेरा प्रबंधन का कहना है कि वे किसी का समर्थन नहीं कर रहे हैं और राजनीतिक शाखा भी बंद है, लेकिन उनके कदमों पर सभी की नजर बनी हुई है।
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