
हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट पर मतदान के बाद कांग्रेस में आंतरिक कलह सामने आई है। पार्टी के प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह पर निशाना साधा है और उन्हें गुटबाजी का आरोपी बताया है।
जयप्रकाश ने बीरेंद्र सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि उचाना में धोखा देने वालों के पल्ले कुछ भी नहीं निकला। उन्होंने कहा, "लोगों ने सीधे मुझे वोट दिए हैं। जो इस तरह के लोग पहले घूम रहे थे, लोगों की उनकी असलियत का पता चल गया। उचाना में उनके वोटों में एक प्रतिशत भी किसी का फर्क नहीं पड़ा।"
बता दें कि जयप्रकाश ने हिसार लोकसभा से टिकट मिलने के बाद सबसे पहले बीरेंद्र सिंह को फोन कर समर्थन मांगा था। लेकिन बीरेंद्र सिंह ने घर आकर मिलने की बात कही थी। इसके बाद जयप्रकाश ने घर मिलने का समय मांगा तो बीरेंद्र सिंह ने समर्थकों के बीच समर्थन मांगने की बात कही।
जयप्रकाश उचाना मीटिंग में समर्थकों के बीच भी गए, लेकिन फिर भी बीरेंद्र सिंह प्रचार से गायब रहे। अब मतदान खत्म होने के बाद जयप्रकाश ने बीरेंद्र सिंह पर खुलकर अपनी भड़ास निकाली है।
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी का सबसे ज्यादा प्रभाव हिसार लोकसभा सीट से देखने को मिला। यहां गुटबाजी इतनी चरम पर थी कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही केवल जेपी का प्रचार करने आए। इसके अलावा हिसार से ही बड़ी नेता कुमारी सैलजा, चौधरी बीरेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंह एक दिन भी प्रचार करने नहीं आए। इतना ही नहीं, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला भी यहां नहीं आए। इसके अलावा, इनके समर्थकों ने भी पूरे प्रचार से गायब दिखे।
हिसार के कांग्रेस भवन में जयप्रकाश ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और फीडबैक लिया। इस पर जयप्रकाश ने कहा कि हिसार सीट पर हम जीत रहे हैं। उन्होंने कहा, "करीब 40 हजार वोट हिसार से मुझे मिलेंगे। हिसार में 1 लाख के करीब वोट पोल हुए हैं। उसमें 40 हजार मुझे मिलेंगे और बाकी जो बचेंगे वे बांट लेंगे।"
चुनाव के नतीजों से निराशा की बात पर जयप्रकाश ने कहा कि चुनाव में निराशा की नहीं, यह थकावट झलक रही है। उन्होंने कहा, "29 दिन जी-तोड़ मेहनत के बाद मतदान के बाद कार्यकर्ताओं से मिलना जरूरी होता है। फीडबैक लेना जरूरी होता है। 29 दिन की मेहनत एक तरफ और 30वें दिन की मेहनत अलग है। सोने का मन मेरा भी करता है, लेकिन नतीजों तक मैं शांत नहीं बैठूंगा। कार्यकर्ताओं से मिलता रहूंगा।"
उचाना में बीरेंद्र सिंह के समर्थकों के बीच कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश गए। इसके बावजूद बीरेंद्र सिंह जेपी के प्रचार के लिए दूसरी जगहों पर नहीं गए। बीरेंद्र सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और हिसार से अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी रहे जयप्रकाश को टिकट मिल गया। बीरेंद्र सिंह इस बात से नाराज हो गए
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