
हरियाणा और पंजाब के मध्य चल रहे जल विवाद पर शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें हरियाणा के हितों की सुरक्षा के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके पंजाब सरकार से आग्रह किया गया कि बीबीएमबी की तकनीकी समिति के 23 अप्रैल, 2025 के तथा बीबीएमबी बोर्ड के 30 अप्रैल, 2025 के फैसलों को बिना शर्त लागू किया जाए। हरियाणा को मिलने वाले पानी के हिस्से पर लगाई गई अमानवीय, अनुचित, अवैध एवं असंवैधानिक रोक को तुरंत हटाया जाए।
सर्वदलीय बैठक में ये रहे मौजूद
सर्वदलीय बैठक में कैबिनेट मंत्री अनिल विज, रणबीर गंगवा, श्याम सिंह राणा, श्रुति चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, कांग्रेस पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, इनेलो पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा व विधायक आदित्य देवीलाल, जजपा पार्टी की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व पूर्व विधायक अमरजीत ढांडा, आम आदमी पार्टी से सुशील गुप्ता, बीएसपी से कृष्ण जमालपुर, सीपीआई (एम) से ओमप्रकाश और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर मौजूद रहे
10 सालों के आंकड़े प्रस्तुत कर जल वितरण की जानकारी सांझा की
बैठक के दौरान मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने पिछले 10 सालों के आंकड़े प्रस्तुत कर जल वितरण की जानकारी सांझा की। इसके बाद सभी नेताओं ने विस्तार से चर्चा की। बैठक के दौरान सभी नेताओं ने हरियाणा में पीने के पानी के संबंध में उभरे जल संकट पर चिंता व्यक्त की और पंजाब द्वारा हरियाणा के हिस्से के पानी को रोकने को असंवैधानिक बताया। सभी नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर भ्रामक प्रचार कर रही है। हरियाणा कोई अतिरिक्त पानी की मांग नहीं कर रहा है और न ही पंजाब के हिस्से का पानी मांग रहा है। हरियाणा तो उसे हर साल मिलने वाले पानी के अपने हिस्से को पूरा देने की मांग कर रहा है, जोकि अभी पंजाब द्वारा गैर-कानूनी तरीके से रोक दिया गया है।
अपने पानी के हिस्से को मांगने से न तो पंजाब का पानी कम हो रहा और न ही डैम का
पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना कि हरियाणा ने अपने कोटे का पूरा पानी इस्तेमाल कर लिया है, यह प्रचार भी गलत है। वास्तविकता यह है कि डैम के पानी में कोई कोटा नहीं होता, बल्कि डैम में पानी की उपलब्धता के आधार पर राज्यों को पानी का वितरण तय किया जाता है। हरियाणा द्वारा अपने पानी के हिस्से को पूरा मांगने से न तो पंजाब का पानी कम हो रहा है और न ही डैम में पानी कम हो रहा है। सभी नेताओं ने एक मत से कहा कि हरियाणा की जनता के हित में और उसके हिस्से का पूरा पानी लेने के लिए हम हरियाणा सरकार के साथ हैं। पिछले 10 सालों में पंजाब व हरियाणा को दिए गए पानी का ब्यौरा देते हुए नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब ने हर साल अपने हिस्से से काफी ज्यादा पानी का उपयोग किया है।
पंजाब का संघीय ढांचे पर विश्वास नहीं
बैठक में सभी नेताओं ने एकमत से कहा कि पंजाब का संघीय ढांचे पर विश्वास नहीं है। जहां एक ओर हरियाणा का हमेशा सभी समझौतों पर सकारात्मक रवैया रहा है, वहीं पंजाब ने सभी समझौतों को नकारने का काम किया है। अब भी पंजाब सरकार राजनीतिक पैठ जमाने के लिए भ्रामक प्रचार करते हुए हरियाणा के लोगों के पीने के पानी को रोकने का असंवैधानिक कार्य कर रही है।
बैठक के दौरान नायब सिंह सैनी ने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम संकल्प करते हैं कि हरियाणा के हिस्से के पानी को सुनिश्चित करने के लिए तथा एसवाईएल का शीघ्र निर्माण करवाने के लिए हम सब एकजुट होकर कोई भी कानूनी लड़ाई लड़ने और राज्य तथा केंद्र दोनों स्तरों पर हर संभव राजनैतिक प्रयास करने के लिए हरियाणा सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। हम दोनों राज्यों की जनता से अपील भी करते हैं कि वे आपसी सौहार्द एवं शांति बनाए रखें। साथ ही, इनमें खलल डालने की मंशा रखने वाले स्वार्थी तत्वों के भ्रामक प्रचार से बचें।
मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े सभी दल
मुख्यमंत्री द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर सभी दलों के नेताओं ने अपनी सहमति जताई और कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े हैं। सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पंजाब की सरकार एसवाईएल न बनाकर सिंचाई के पानी पर डाका डालने के बाद अब हरियाणा के लोगों के पीने के पानी को रोक कर असंवैधानिक काम कर रही है। हरियाणा सरकार के सामने अपने हिस्से का पानी लेने के लिए सभी विकल्प खुले है। और आज ही इस विषय पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की बैठक होनी है, जिसके बाद हरियाणा अपनी रणनीति तय करेंगे।
हल निकालने के लिए हम सभी दल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ : हड्डा
पत्रकार वार्ता के दौरान उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार ने हरियाणा का पानी रोककर असंवैधानिक और अमानवीय काम किया है। हर साल इतना ही पानी हरियाणा को मिलता आ रहा है। पानी का शेयर डैम के लेवल के अनुसार तय किया जाता है। 21 मई से तो डैम के भरने की अवधि शुरू होती है। उन्होंने कहा कि आज डैम में पानी का स्तर लगभग 1555 फुट के आस-पास है।
पहले कई बार इससे कम स्तर तक भी पानी गया है। तब भी हरियाणा को उसका पूरा पानी मिला है। डैम का सबसे कम स्तर लगभग 1500 फुट है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ये जो पानी का विवाद है, इसका समाधान है एसवाईएल का निर्माण। इस मामले पर हम सभी पार्टियां एक साथ हैं। हरियाणा में जो पीने के पानी का संकट आया है, उसका हल निकालने के लिए हम सभी दल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ हैं।
....ताकि पंजाब सरकार ऐसी मनमानी न कर सके : पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला
सरकार को भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में हरियाणा के सदस्यों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि पंजाब सरकार ऐसी मनमानी न कर सके। इसके साथ ही डैम पर केंद्र की ओर से अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाना चाहिए ताकि किसी भी टकराव की स्थिति से बचा जाए। दुष्यंत चौटाला ने आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब सरकार की निंदा करते हुए कहा, “यह पानी हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान का भी अधिकार है। अगर जरूरत पड़ी तो बल प्रयोग भी होना चाहिए, ताकि सभी राज्यों को उनका उचित हिस्सा मिल सके। भाखड़ा नांगल डैम ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आता है, इसलिए केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।”
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