loader
The Haryana Story | आज फिर उसी पुरानी 'गोबर वाली खेती' पर लौटने की जरूरत, प्राकृतिक खेती अपनाया जाना समय की मांग

आज फिर उसी पुरानी 'गोबर वाली खेती' पर लौटने की जरूरत, प्राकृतिक खेती अपनाया जाना समय की मांग

प्राकृतिक खेती करने के लिए सरकार ने देशी गाय पर सब्सिडी लागू की है, यह सब्सिडी प्रति एकड़ एक गाय के लिए दी जा रही

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी कैलाश सैनी

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी कैलाश सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रदेश में कृषि क्षेत्र के लिए अनेक योजनाएं लागू कर किसानों की आय को दोगुना करने का काम कर रहे है। प्राकृतिक खेती करने के लिए सरकार ने देशी गाय पर सब्सिडी लागू की है। यह सब्सिडी प्रति एकड़ एक गाय के लिए दी जा रही है। प्रदेश में मौजूदा हालात को देखते हुए प्राकृतिक खेती अपनाया जाना समय की मांग है। इसलिए किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए आगे आना चाहिए।

आज फिर उसी पुरानी गोबर वाली खेती पर लौटने की जरूरत

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी कैलाश सैनी रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय कृषि तकनीकी प्रदर्शनी एवं स्टार्टअप कॉन्क्लेव के समापन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से सांसद नवीन जिंदल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी जा रही है। यह वही खेती है जिससे हमने खेती की शुरूआत की थी। आज फिर उसी पुरानी गोबर वाली खेती पर लौटने की जरूरत है। 

इसी सर्कल से पूरे गांव का जीवन चलता था

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी कैलाश सैनी ने कहा कि हाल में मौजूद 70 फीसदी ऐसे किसान मौजूद है, जिन्होंने उस दौर को देखा है, जब गांव के किसान पूरे गांव का पालन, पोषण और पेट भरते थे। किसान को जो भी जरूरत होती थी, उसको गांव के अलग-अलग लोग पूरा करते थे। कोई हल ठीक करता था, तो कोई किसान की गाड़ी को ठीक करता है, कोई किसान की हजामत बनाता था तो कोई किसान की खेती में हाथ बंटाता था। जब 6 महीने बाद किसान की फसल आती तो किसान अपनी फसल को पूरे गांव में अलग-अलग लोगों में बांटता था। इसी सर्कल से पूरे गांव का जीवन चलता था। मौजूदा समय में जो सेक्टर लाइज करने की बात की जा रही है। किसान गांव में वही करते आए थे।

हम उस दवा वाले अनाज को खाकर बीमार होने लगे

उन्होंने कहा कि फिर किसानों को बताया गया कि आप अपनी खेती में गोबर की खाद की बजाय यूरिया डालो, उत्पादन बढ़ेगा। इससे उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन एक सीमा के बाद हमारे खेत में दवाई की मात्रा ज्यादा हो गई और हम उस दवा वाले अनाज को खाकर बीमार होने लगे। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि स्वयं, परिवार, समाज और देश को बीमारी से बचने तथा विकसित भारत बनाने के लिए प्राकृतिक खेती करने की जरूरत है।

इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष तेजेन्द्र सिंह गोल्डी, कृषि उप निदेशक डॉ. कर्मचन्द, मनीष शर्मा, डा. विकास शर्मा, अमित रांग्टा, मनीष मिश्रा, धर्मवीर सिहं, कर्नल अरुण चन्देल, क्रिशमन सिंह, डा. कर्मचन्द, राजेश सिंहमार, राहुल ढींगरा, डा. आबिद अली, भूषण मंगला सहित अन्य गणमान्य लोगों मौजूद रहे

Join The Conversation Opens in a new tab
×