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The Haryana Story | हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन कई महत्वपूर्ण बिल हुए पास

हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन कई महत्वपूर्ण बिल हुए पास

राजस्थान को पानी देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने वाकआउट किया

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हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को कई महत्वपूर्ण बिल पास हुए। इनमें हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024, हिसार महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2024, हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024, हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2024, हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक,2024, हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक,2024, हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2024, हरियाणा परियोजना भूमि समेकन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2024 तथा हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024, शामिल हैं।

वहीं हरियाणा में एंटी करप्शन ब्यूरो के अंतर्गत एक अलग टास्क फोर्स बनाई जाएगी। ये टास्क फोर्स केवल सहकारी समितियों की अनियमितताओं की जांच करेगी। बजट सत्र के अंतिम दिन सीएम मनोहर लाल ने यह एलान किया। 

पानी देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने वाकआउट किया

इससे पहले, सहकारिता घोटाले को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हुई। कांग्रेस और इनेलो ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि चार जिलों में 100 करोड़ का घोटाला सामने आया है, लेकिन असल में यह घोटाला 500 करोड़ का है। उन्होंने एमडी नरेश गोयल पर कार्रवाई न करने पर सवाल उठाया। इससे पहले बजट सत्र के आखिरी दिन राजस्थान को पानी देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने वाकआउट किया। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार राजस्थान को पानी देने में आनाकानी कर रही है। 

सहकारिता विभाग में गरीबों का पैसा होता है और इसकी जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए 

इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा कि मंत्री के जवाब से साफ़ है कि भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सरकार ने माना है कि सहकारिता विभाग में 100 करोड़ का घोटाला है, और मंत्री के जिले में 22 करोड़ का घोटाला है। उन्होंने कहा कि एमडी नरेश गोयल के हस्ताक्षर से पैसे निकले हैं और 2014 से वे एमडी के पद पर हैं। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि सहकारिता विभाग में गरीबों का पैसा होता है और इसकी जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए।

जांच के लिए एक निश्चित समय निर्धारित होना चाहिए। सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने कहा कि जैसे ही घपला सामने आया, सरकार ने खुद एंटी करप्शन ब्यूरो को जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से मिले ही 100 करोड़ रुपये हैं तो घोटाला 500 करोड़ का कैसे हो सकता है। इस मसले में चार लोगों को डिसमिस कर दिया गया है और बाकी पर जांच जारी है।

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