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The Haryana Story | भाजपा के अपनों ने ही किया भीतरघात, हरियाणा में मिली शिकायतें

भाजपा के अपनों ने ही किया भीतरघात, हरियाणा में मिली शिकायतें

हिसार, सिरसा और सोनीपत की सीटों पर अपने ही नेताओं ने उम्मीदवारों का विरोध किया, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

कांग्रेसी बैकग्राउंड के उम्मीदवार से नाराज थे नेता 

हरियाणा के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने ही कुछ नेताओं से भीतरघात का सामना करना पड़ा। इसकी वजह थी पार्टी द्वारा कुछ सीटों पर कांग्रेसी बैकग्राउंड के उम्मीदवारों को टिकट देना। हिसार से रणजीत चौटाला और सिरसा से डॉ. अशोक तंवर को उम्मीदवार बनाया गया था। दोनों का राजनीतिक करियर कांग्रेस से जुड़ा हुआ है।

स्थानीय नेताओं ने किया विरोध

इन उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने से स्थानीय भाजपा नेता नाखुश थे। हिसार में कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अभिमन्यु इससे नाराज हुए क्योंकि उन्हें भी टिकट की उम्मीद थी। हालांकि बाद में पार्टी के मनाने पर वे मान गए। लेकिन हिसार भाजपा इकाई के कुछ लोगों ने रणजीत चौटाला के खिलाफ भीतरघात किया। 

प्रचार नहीं किया, बोगस बिल काटे

सिरसा में भी स्थानीय नेताओं ने डॉ. अशोक तंवर के प्रचार में ठीक से हिस्सा नहीं लिया। सांसद सुनीता दुग्गल भी प्रचार से दूर रहीं। कई नेताओं ने सिर्फ दिखावा किया। साथ ही अशोक तंवर ने आरोप लगाया कि पार्टी फंड का गबन करने के लिए बोगस बिल काटे गए।

अन्य दलों से संपर्क बनाए रखा 

सोनीपत में संगठन मंत्री मोहन लाल बड़ौली का आरोप था कि स्थानीय नेता उनके साथ प्रचार नहीं कर रहे थे। उनका आरोप था कि दूसरे दलों से संपर्क बनाए रखा गया। साथ ही गन्नौर विधायक निर्मल चौधरी के पति का एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए वोट करने की अपील कर रहे थे। 

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस भीतरघात की शिकायतों को गंभीरता से लिया है। दोनों नेताओं ने कहा है कि भीतरघातियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ दिल्ली स्थित भाजपा हाईकमान को रिपोर्ट भेजी जाएगी। साथ ही चुनाव में गड़बड़ी करने वाले अफसरों को भी नहीं बख्शा जाएगा।

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही भाजपा में भीतरघात की आग भड़क उठी है। अब देखना होगा कि पार्टी हाईकमान इस मामले में क्या कदम उठाता है। भीतरघात की यह घटनाएं असंतोष और अनुशासनहीनता की ओर इशारा करती हैं, जो आगे चलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भी भाजपा के लिए चुनौती बन सकती हैं।

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