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The Haryana Story | हरियाणा में पहली बार पीडब्ल्यूडी विभाग ने लिया स्कूल जोन रोड सेफ्टी ट्रीटमेंट परियोजना शुरू करने का निर्णय

हरियाणा में पहली बार पीडब्ल्यूडी विभाग ने लिया स्कूल जोन रोड सेफ्टी ट्रीटमेंट परियोजना शुरू करने का निर्णय

इसके लिए एफएमसी ने विभाग को 25 करोड़ रुपये आवंटित किए

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा में पहली बार लोक निर्माण पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) विभाग ने प्रदेश में स्कूल जोन रोड सेफ्टी ट्रीटमेंट परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एफएमसी ने विभाग को 25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा, लगभग 50 बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की खरीद के लिए स्वास्थ्य विभाग को 17.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बता दें कि हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति की 8वीं बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए 74.5 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई। इस आवंटन का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करना और प्रदेशभर में आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को बढ़ाना है।

पुलिस विभाग को 19 करोड़ रुपये आवंटित किए गए

बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 19 जिलों में सीसीटीवी आधारित सिटी सर्विलांस सिस्टम स्थापित करने के लिए पुलिस विभाग को कुल 19 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, स्थानीय सुरक्षा गतिविधियां चलाने के लिए जिला सड़क सुरक्षा समितियों (डीआरएससी) के लिए 10 करोड रुपये, माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए 1 करोड़ रुपये तथा राज्य सड़क सुरक्षा परिषद सचिवालय के लिए 2 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। ये आवंटन वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कंपाउंडिंग फीस के रूप में एकत्र किए गए 199.09 करोड़ रुपये पर आधारित हैं। 

राज्य सरकार द्वारा हरियाणा सड़क सुरक्षा नीति, 2016 को तत्परता से लागू किया जा रहा

बैठक में बताया गया कि सभी सड़क उपयोगकतार्ओं के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के तौर पर, राज्य सरकार द्वारा हरियाणा सड़क सुरक्षा नीति, 2016 को तत्परता से लागू किया जा रहा है। यह नीति चार "ई" इनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन), एजुकेशन और इमर्जेंसी केयर के प्रभावी निष्पादन पर केंद्रित है। इन प्रयासों से प्रदेशभर में सड़क दुर्घटनाओं और इसके कारण होने वाली मौतों में लगातार गिरावट आई है। इसके परिणामस्वरूप सड़क दुर्घटनाओं में लगातार गिरावट आ रही है। 

यह सकारात्मक बदलाव निरंतर सड़क सुरक्षा पहलों के सकारात्मक प्रभाव को दशार्ता

वर्ष 2022 में, प्रदेश में 11,105 दुर्घटनाएँ और 5,596 मौतें दर्ज की गईं। साल 2023 में, 10,438 दुर्घटनाएँ और 5,195 मौतें हुईं। इसके बाद, 2024 में 9,759 दुर्घटनाएँ और 4,828 मौतें हुईं। इस साल 25 मई तक, दुर्घटनाओं की संख्या घटकर 6,770 और 1,942 मौतों की संख्या रह गई है। यह सकारात्मक बदलाव निरंतर सड़क सुरक्षा पहलों के सकारात्मक प्रभाव को दशार्ता है। राज्य परिवहन आयुक्त दुष्मंता कुमार बेहरा ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की कैशलेस उपचार योजना, 2025 को भी अपनाया है।

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