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The Haryana Story | करनाल के निशांत देव बने पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज जिन्होंने पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया

करनाल के निशांत देव बने पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज जिन्होंने पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल किया

सीएम सैनी ने दी बधाई, कहा- गोल्ड मेडल जीतकर करेंगे हरियाणा का नाम रोशन।

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के करनाल निवासी मुक्केबाज निशांत देव पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए कोटा हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बन गए हैं। उन्होंने बैंकॉक में आयोजित ओलंपिक क्वालीफायर टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। इस उपलब्धि पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें बधाई दी और उम्मीद जताई कि वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर हरियाणा का नाम रोशन करेंगे।

मोल्दोवा के मुक्केबाज को हराया

71 किग्रा भारवर्ग में निशांत ने क्वार्टरफाइनल मुकाबले में मोल्दोवा के वासिल सबोतारी को 5-0 से करारी शिकस्त दी। इस जीत के साथ ही वह पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर गए। निशांत की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की।

सीएम ने लिखा बधाई संदेश

सीएम नायब सिंह सैनी ने अपने ट्वीट में लिखा, "हरियाणा के लाल बेटे करनाल निवासी निशांत देव (71 किग्रा) मुक्केबाजी ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर पेरिस खेलों के लिए कोटा हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बन गए। इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई। हमें पूरा विश्वास है कि आप ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर हमें गौरवान्वित करेंगे।" 

वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट 

निशांत देव वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भी रह चुके हैं। पिछले क्वालिफायर्स में वह कोटा हासिल करने से चूक गए थे, लेकिन इस बार आक्रामक रणनीति अपनाकर सफल रहे। 71 किग्रा भारवर्ग में 5 कोटे थे, जिनमें से भारत को एक मिल गया है।

सुबह 4 बजे लेते थे ट्रेनिंग 

निशांत देव ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में ही कर दी थी। उनके कोच सुरेंदर चौहान थे। निशांत के पिता उन्हें सुबह 4 बजे उठाकर ट्रेनिंग के लिए ले जाते थे। देश की सारी निगाहें अब निशांत पर टिकी हुई हैं कि वह ओलंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेंगे। 

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